नड्डा की टिप्पणी से नाखुश था संघ, क्या इसलिए नहीं मिला चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों को संघ का साथ…!

Rashtriya Swayamsevak Sangh Lok Sabha Election 2024 BJP candidate loses election NDA

लोकसभा चुनाव 2024 प्रचार के दौरान BJP नेताओं के बयान RSS को लेकर आए थे। जिसमें कहा गया था कि BJP खुद सक्षम है और अब उसे RSS की जरुरत नहीं है। BJP को स्वयं सेवकों की कितनी जरुरत है इसका जवाब चुनावी नतीजों ने दे दिया है।

लोकसभा चुनाव 2024 प्रचार के वक्त बीजेपी नेताओं के बयान राष्ट्रीय स्वयं सेवक को लेकर आए थे। जिसमें कई नेताओं की ओर से कहा गया था कि बीजेपी खुद अपने आप में सक्षम है। अब उसे चुनाव में संघ की जरुरत नहीं है। बीजेपी को आरएसएस के स्वयं सेवकों की कितनी जरुरत है। इसका जवाब उसे चुनाव के नतीजों में मिल गया है।

मीडिया में आ रही खबरों पर यकीन करें तो इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक चुनाव में एक्टिव क्यों नहीं थे। यह एक बड़ा सवाल है। इससे पहले के चुनावों में संघ के स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर मतदाताओं से मिलकर वोट की अपील करते देखा जा चुका है। उन्हें पर्ची बांटते देखा गया था। पर्ची मतलब मतदाता सूची में उनका क्या क्रमांक है यह तक उन्हें बताते थे। मतदाता पर्ची में भी लिखकर दिया जाता था। यह मतदाताओं तक पहुंचने का एक तरीका था। इसके साथ ही मतदान वाले दिन आरएसएस के स्वयंसेवक अपने क्षेत्र या मोहल्ले में यह तय करते थे कि मतदाता वोट देने पोलिंग बूथ तक जाएं। भोजन के समय तक अगर मतदाता पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंचें तो स्वयंसेवक खुद उन्हें फोन कर मतदान करने के लिए प्रेरित करते थे। हालांकि इस बार लोकसभा चुनाव में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

सूत्र बताते हैं कि इस बार आरएसएस के स्वयं सेवक मैदान में नहीं उतरे उन्होंने घर घर पर्ची पहुंचाने का काम भी नहीं किया था। ज्यादातर जगह यही रहा। लेकिन कुछ स्थानों पर बीजेपी उम्मीदवार ने स्वयं व्यक्तिगत स्तर पर स्थानीय संघ की टीम से बात कर उनकी सक्रियता सुनिश्चित की। बता दें दिल्ली की कुछ लोकसभा सीटों पर ऐसा हुआ भी है।

पहले पांच चरण तक घर बैठे रहे स्वयं सेवक

पांच चरण के चुनाव में आरएसएस के अलग-अलग स्तर के पदाधिकारियों ने चुनाव को लेकर कोई बैठक ही नहीं ली। स्वयंसेवकों को कोई संदेश ही नहीं गया कि उन्हें काम करना है। हालांकि पांचवें दौर की वोटिंग के बाद आरएसएस की एक मीटिंग बुलाई गई। आगे काम करने के लिए बातचीत भी हुई। लेकिन छठे दौर के मतदान से पहले फिर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का एक बयान सामने आ गया। जिसमें बीजेपी को पहले संघ की जरूरत होती थी लेकिन अब बीजेपी सक्षम हो गई है।

सूत्र बताते हैं कि यह बयान संघ के भीतर चर्चा में रहा और इसका असर ये हुआ कि संघ के स्वयंसेवक फिर एक्टिव नहीं हुए। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक क्यों एक्टिव नहीं थे, यह एक बढ़ा सवाल है जो पूरे चुनाव के दौरान उठा। स्वयंसेवक वैसे तो बीजेपी के लिए एक मजबूत कड़ी रहे हैं। ये स्वयं सेवक चुनाव में भले ही सीधे तौर पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सामने नहीं आते हों लेकिर पर्दे के पीछे रहकर बीजेपी को जीत मिले यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संघ हमेशा निभाता रहा है।

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