अयोध्या में भव्य आकार ले रहे रामजन्म स्थान मंदिर धीरे धीरे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप लेता जा रहा है। दुनियां भर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा दिवस की बेसब्री के साथ प्रतीक्षा की जा रही है। मंदिर के निर्माण के लिए जहां 155 देशों से जल आया है वहीं अमेरिका से एक श्रृद्धालु ने दान भेजा है तो थाईलैंड से जल के साथ वहां की पवित्र मिट्टी लाई गई। अब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होने जा रहा है। रामलला जिस सिंहासन पर विराजमान होंगे वह भी अब सिंहासन अयोध्या पहुंच गया है।
- 22 जनवरी को होगा भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह
- पीएम मोदी होंगे विशेष अतिथि
- विशेष सिंहासन पर विराजमान होंगे रामलला
- अयोध्या को दिया जा रहा भव्य स्वरुप
- 48 दिन तक चलेगा मंडल पूजन और मंडलाभिषेक आयोजन
- 7 मार्च महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा मंडलाभिषेक
- अयोध्या में होगा श्रद्धालुओं को त्रेता युग की संस्कृति का आभास
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन की लगभग सभी तैयारी हो चुकी हैं। इस समारोह की तैयारी तीन स्तरीय चल रही है। एक ओर मंदिर के स्वरूप की पूर्णता, दूसरी ओर अयोध्या को भारतीय संस्कृति के अनुरूप एक सोलर सिटी का स्वरूप देने का प्रयास और तीसरा प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भारत के साथ दुनिया भर में श्रृद्धालुओं के लिए लाइव प्रसारण करने का प्रबंध किया गया है। इन तीनों दिशाओं का काम लगभग पूर्णता की ओर है। अगले माह 17 से 22 जनवरी तक संपन्न होने वाला पांच दिवसीय भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ 48 दिनों का मंडल पूजन और मंडलाभिषेक आयोजन भी होगा। यह आयोजन 7 मार्च महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा। केवल भव्य जन्मस्थान मंदिर का ही निर्माण नहीं हो रहा है अपितु पूरी अयोध्या नगरी का स्वरूप निखर रहा है। अयोध्या नगर को उसके प्राचीन स्वरूप और वैभव के साथ एक सोलर सिटी के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।
सौर ऊर्जा से ही प्रकाशित होगी अयोध्या
भगवान राम ने सूर्यवंश में अवतार लिया था। भगवान सूर्यदेव अपनी ऊर्जा से पूरे संसार को जीवन देते हैं। इसी कल्पना को आकार देने के लिए पूरा नगर सौर ऊर्जा से ही प्रकाशित होगा। इसके लिए पूरे अयोध्या में स्तंभ लगाए जा रहे हैं। इन स्तंभों को दो नाम दिए गए हैं। एक सूर्य स्तंभ और दूसरा श्रीराम स्तंभ। इन स्तंभों पर प्राचीन भारतीय संस्कृति के चित्र और अभिलेख पंक्तियाँ होंगी। इन स्तंभों के माध्यम से पूरे नगर को ऐसा सांस्कृतिक स्वरूप देने का भी प्रयास किया जा रहा जिससे इस नगर में आने वाले श्रद्धालुओं को त्रेता युग की संस्कृति का आभास हो सके। मंदिर के हर स्तंभ का अपना उपनाम भी होगा। नगर के चौराहों और मार्गों के नाम भी इन स्तंभों के नाम और उपनाम के आधार पर होगें जैसे सूर्य स्तंभ, श्रीराम स्तंभ, धर्मपथ, भक्तिपथ और रामपथ आदि। रामनगरी अयोध्या में इस प्रकार 40 सूर्य स्तंभ और 25 श्रीराम स्तंभ लगाए जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि 22 जनवरी तक इन स्तंभों का कार्य पूरा हो जाएगा। यह कार्य अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से किया जा रहा है। गरिमा के अनुरुप नगर की सज्जा के साथ इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले श्रृद्धालुओं की सुविधा के प्रबंध भी किये जा रहे हैं। नगर के खाली पड़े स्थानों और मैदानों में तंबू लगाए जा रहे हैं।
PM मोदी करेंगे अयोध्या के नए एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का लोकार्पण
पीएम नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाईअड्डे का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही वे अयोध्या रेलवे स्टेशन का नया भवन भी जनता को समर्पित करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा 30 दिसंबर और 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या को हजारों करोड़ों की परियोजनाओं की सौगात देंगे। 30 दिसंबर को पीएम मोदी अयोध्या से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाईअड्डे का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही एयरपोर्ट की तर्ज पर बने अयोध्या रेलवे स्टेशन के नए भवन का भी जनता को समर्पित करेंगे। पीएम मोदी राम पथ, श्री राम जन्मभूमि पथ, धर्मपथ और भक्ति पथ के रूप में भी अयोध्या के लोगों को सौगात देंगे। सीएम ने कहा कि 22 जनवरी को विशेष दिन है। इस ऐतिहासिक दिन विशिष्ट मेहमान आएंगे।