अल्पकालिक चर्चा का फार्मूला दिया जिसे विपक्ष के नकार दिया,आखिर क्या वजह है कि नियम 267 पर इतनी नोकझोंक हो रही है!

नियमों की दुहाई के बीच सोमवार तक के लिए राज्यसभा स्थगित

राज्यसभा के सभापति नियमों का हवाला दे रहे। विपक्ष के नेता भी संसदीय नियम की दुहाई दे रहे। मगर, बात बन नहीं रही। मणिपुर पर चर्चा नियम 267 के तहत कराने पर सभापति जगदीप धनखड राजी नहीं। उन्होंने 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा का फार्मूला विपक्ष को दिया जिसे विपक्ष के नकार दिया। मामला अब इतना भर नहीं है। शुक्रवार को तो उच्चसदन में ऐसा नजारा पेश हो गया जो संसदीय मर्यादा के विपरीत है। सभापति और तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक-ओ-ब्रायन के बीच वन टू वन ठन गई। सभापति की ओर से समझाइश के रूप में लंबे लंबे टीका टिप्पणियों से आहत डेरेक भी आज फट पड़े।

अच्छा मैसेज नहीं जा रहा

हुआ यूं कि सभापति सदस्यों को संबोधित करते हुए बता रहे थे कि बार बार संसद में व्यवधान होने से लोगों के बीच अच्छा मैसेज नहीं जा रहा। सदन के सम्मान ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि उन्हें हर जगह से ये सदन में बढते व्यवधानों के प्रति इनपुट्स मिल रहे हैं जो उत्साहजनक नहीं हैं। इस पर डेरेक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें पता है कि सभापति को कहां से इनपुट्स मिल रहे हैं। इसे सभापति ने कटाक्ष के रूप में लिया। उसके बाद दोनों के बीच तनातनी शुरू हो गई।

गुस्से में कडी आपत्ति दर्ज की

सभापति ने तृणमूल संसदीय दल के नेता पर आरोप लगाया कि वे हमेशा नाटकीयता में बने रहने की आदत बना रहे हैं, जो ठीक नहीं। इस पर डेरेक ने मेज को ठोकते हुए गुस्से में कडी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि वे नियमों के हवाले से अपनी बात कर रहे हैं। कोई नाटक नहीं कर रहे। डेरेक ने कहा कि मैं ऐसे शब्दों के प्रति अपना विरोध दर्ज कराता हूं। इसके बाद मामला बिगड़ गया। सभापति ने डेरेक से कहा कि वे अपनी सीट पर बैठें और आसंदी से जो कहा जा रहा है उसे सुनें। मगर,डेरेक ने बोलना बंद नहीं किया। सभापति ने तल्ख लहजे में कहा कि मिस्टर डेरेक ओ ब्रायन नाटक करना आपकी आदत बन गई है। आप हर बार उठते हैं। आपको लगता है कि यह आपका विशेषाधिकार है। न्यूनतम चीज जो आप सदन के प्रति सम्मान के रूप में कर सकते हैँ वह है आसंदी का सम्मान, उसे आप करें। सभापति ने कहा, मुझे आज नियम 267 के तहत मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करने के संबंध में 47 नोटिस प्राप्त हुए हैं। यह ऐसी स्थिति है जिसका सामना मैंने पूरे सप्ताह के दौरान किया है।

पक्षपातपूर्ण हितों से ऊपर उठें

उन्होंने जोर देकर कहा, मैं सदन के सदस्यों से अपील करूंगा कि वे पक्षपातपूर्ण हितों से ऊपर उठें और इस मसले पर अल्पकालिक चर्चा शुरू करें।सभापति नियम 267 के बहुत कम नोटिस स्वीकार किए जाने की मिसाल की ओर इशारा कर रहे थे। डेरेक और सभापति के बीच हुई तीखी बहस के बीच जब डेरेक गुस्से से तमतमाये अपनी बात रख ही रहे थे कि सभापति ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि मणिपुर मसले पर समूचा विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा के लिए दबाव बना रहा है। जिसे सभापति ने खारिज कर दिया है।

प्रकाश कुमार पांडेय

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