राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान पहुंचने के पहले बवाल मच गया है। बवाल हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के ताजा बयान को लेकर,जिसमें उन्होंने सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने को लेकर बयान दे दिया।
क्या बयान दिया गेहलोत में
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने सचिन पायलट के लिए कहा कि जिसके पास दस विधायक नहीं है वो मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है। गेहलोत ने ये इंटरव्यू एक निजी टीवी चैनल के इंटरव्यू में दिया। गेहलोत ने कहा कि- सचिन के बगावत के समय वो चौदह दिन पार्टी कार्यकार्तओं और विधायकों के लिए बहुत कठिन थे। हमको राज्यपाल भवन के बाहर धरना तक देना पड़ा। सचिन ने पार्टी से गद्दारी की है।
अशोक गेहलोत के बयान से बवाल
अशोक गेहलोत के बयान से सियासी बवाल मच गया है। राजस्थान के राजनैतिक गलियारों में गेहलोत के बयान के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये भी है कि अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान जाने वाली है ऐसे में अशोक गेहलोत के बयान से पार्टी के अंदर बखेड़ा बढ़ सकता है। पायलट इससे पहले भी बागी तेवर दिखा चुके हैं।
पायलट कब बने बागी
सचिन पायलट ने 2020 में अपने समर्थक 19 विधायकों के साथ पार्टी से बगावत कर दी। सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ एक होटल में जा पहुंचे। इस बीच घटनाक्रम तेजी से बढ़ते रहे। सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद पायलट ने बागवत की उड़ान भरी। लेकिन अशोक गेहतोल जैसे सीनियर नेता के आगे वो बगावत कमजोर पड़ गई। विधायकों ने सचिन का साथ छोड़ दिया और वापसी के बाद सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से भी हटा दिया गया।
अशोक गेहलोत भी दिखा चुके हैं बागी तेवर
पिछले दिनों अशोक गेहलोत का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे था। उस समय आलकमान ने पर्यवेक्षक भेज अगले मुख्यमंत्री के लिए विधायकों की राय जाननी चाही। गेहलोत खेमे को डर था कि कहीं आलाकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कमान न सौंप दे। इसके चलते अशोक गेहलोत के विधायकों ने पर्यवेक्षकों से बागियों जैसा व्यवहार किया। हांलाकि फिर अशोक गेहलोत का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गया।
क्या अकेले ही बीजेपी में जाऐंगे पायलट
अब मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के ताजा बयान से सियासत तो गरमा गई। लेकिन इसके बाद एक बार फिर ये सवाल खड़ा हो गया है कि राहुल गांधी के पहले राजस्थान कांग्रेस में बड़ी बगावत हो सकती है। क्या सचिन पायलट अपने समर्थको के साथ बीजेपी की उड़ान भर लेंगे। क्या सचिन फिर से बागी बन बीजेपी का दामन थाम लेगें। इसकी वजह बगावत के दो साल बाद भी सचिन पायलट बिना किसी पद के केवल एक विधायक के तौर पर काम कर रहे हैं।