राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से गुजर रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और सचिन पायलट के बीच पोस्टर वॉर जारी है। यात्रा के राजस्थान में जाने के पहले राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक का मैसेज भी दिया गया। मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और सचिन पायलट ने एक साथ प्रेस कांफ्रेस भी की। नतीजतन दोनों नेताओं के बीच बयानबाजी तो बंद हो गई लेकिन पोस्टर वॉर लगातार चल रहा है। अब राजधानी जयपुर के सड़क और चौराहों से सचिन पायलट के पोस्टर हटाए जा रहे हैं।
सचिन के पोस्टर हटाए जा रहे हैं
कांग्रेस कमेटी के महासचिव के सी वेणुगोपाल के प्रयासों के बाद राजस्थान कांग्रेस के दोनों नेता अशोक गेहलोत और सचिन पाटलट साथ साथ दिखे। राहुल की यात्रा के भव्य स्वागत की भी तैयारी हुई। यात्रा के मुताबिक स्वागत में पोस्टर और बैनर भी लगवा दिए गए। झालावाड़ से कोटा के रास्ते में लगे पोस्टर में पायलट की तस्वीरें लगी थी। राहुल गांधी के साथ पायलट ही नजर आ रहे थे। खबर है कि ये पोस्टर हटवा दिए गए हैं। ये पोस्टर अकेले झालावाड़ नहीं बल्कि राजधानी जयपुर से भी हटाए गए हैं। सोशल मीडिया पर जयपुर से पोस्टर हटाने का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
गेहलोत और पायलट समर्थकों के बीच वॉर
मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और सचिन पायलट के बीच बयानबाजी बंद हो गई है। 25 सितंबर के बार से दोनों के बीच बयानों ने जोर पकड़ा। मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और उनके समर्थकों ने पायलट को गद्दार तक कह डाला उसके बाद सुलह हुई । दोनों नेता को एक साथ नजर आने लगे लेकिन दोनों के समर्थकों के बीच तनातनी खुलकर दिखाई दे रही है। पायलट के पोस्टर हटने पर पायलट समर्थकों ने पीसीसी को जिम्मेदार ठहराया। पायलट समर्थकों ने कहा कि पीसीसी के इशारे पर सचिन पायलट के पोस्टर हटें हैं , हांलाकि इस बारे में पीसीसी की तरफ से कोई बयान नहीं आया । पोस्टर की लड़ाई सड़कों पऱ आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच कानाफूसी बढ़ गई है। पोस्टर वार से जाहिर है कि राजस्थान कांग्रेस में अभी भी सबकुछ ठीकठाक नहीं।
राहुल की यात्रा 18 दिसंबर तक राजस्थान में
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 18 दिसंबर तक राजस्थान में रहेगी। यात्रा 18 विधानसभा ,सीटों से गुजरेगी और हरियाणा जाएगी। यात्रा को राजस्थान में प्रवेश करे आज दूसरा ही दिन है , दो दिन में ही सचिन और गेहलोत समर्थकों के बीच खींचतान फिर मीडिया की सुर्खियां बन गईं।यात्रा अभी 13 दिन और राजस्थान में रहेगी ऐसे में सचिन और गेहलोत समर्थकों के बीच और कितनी खींचतान और बढ़ती है ये देखना होगा। क्या पार्टी आलाकमान इस पर कोई लगाम लगा सकेंगे।