राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की लड़ाई में अब गेहलोत गुट भारी पड़ता दिख रहा है। दऱअसल सिंतबर में बगावत करने वाले गेहलोत गुट के बगावती विधायकों को आलाकमान ने क्लीन चिट दे दी है।
गेहलोत गुट के विधायकों को आलाकमान की क्लीन चिट
गेहलोत गुट के विधायकों को शांतलाल धारीवाल,महेश जोशी और उनके नजदीकी धर्मेन्द्र राठौड़ को आलाकमान ने क्लीन चिट दे दी है। ये फेैसला कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक में लिया गया। जब भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से गुजर रही है। इस दौरान सचिन पायलट औऱ मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के बीच सब ठीक-ठाक का मैसेज पहले ही मीडिया के बीच में दे दिया गया। इस मैसेज के मीडिया में जाने के साथ कांग्रेस की अनुशासन कमेटी की फुल बैंच की बैठक हुई। ये बैठक पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता मे हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में तीनों बागी तेवर वाले विधायकों को माफीनामा भी सामने आया। तीनों नेताओं ने एक सुर में बिना किसी शर्त के आला कमान से माफी मांगी। बताया जा रहा है कि आलाकमान के नोटिस पर माफीनामे के बाद आलाकमान ने उन पर कोई कारवाई नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद तीनों विधायक राहुल गांधी की यात्रा में भी नजर आ रहे हैं।
सितंबर में विधायकों ने दिखाए थे बागी तेवर
सितंबर में कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनावो के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत का नाम बड़ी तेजी से चल रहा था. इस दौरान अशोक गेहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। गेहलोत के दिल्ली जाने की सूरत मे राजस्थान की कमान किसे दें इस पर मंथन के लिए दिल्ली से पर्यवेक्षक जयपुर पंहुचे। जयपुर में अजय माकन जब पर्यवेक्षक बनकर गए तो तीनों विधायकों ने बागी तेवर दिखाए। दरअसल ये सभी विधायक सचिन पायलट के नाम से सहमत नहीं थे। इसलिए शांतिलाल धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंन्द्र राठौड़ ने बगावती तेवर दिखाए।
सचिन पायलट ने की थी कारवाई की मांग
इस पूरे मामले में सचिन पायलट ने तीनों विधायकों पर कारवाई की मांग की थी। तीनों पर कोई कारवाई नहीं हुई। उधर मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कह डाला। इसके बाद पार्टी ने दोनों नेताओं को कांग्रेस की एसेट बताकर सुलह करा ली।
गेहलोत गुट भारी पड़ रहा है
अब अशोक गेहलोत और सचिन पायलट के मामले में गेहलोत गुट भारी पड़ता दिख रहा है।
1 बगावती देवर दिखाने वाले तीनों विधायक शांतिलाल धारीवाल, महेश जोशी, और धर्मेन्द्र राठौड़ पर किसी तरह का कारवाई नहीं हुई।
2 ये सभी विधायक राहुल गांधी की यात्रा में मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं।
3 यात्रा के पहले पोस्टर व़ॉर चला। सचिन पायलट के पोस्टर गेहलोत गुट के विधायकों के हटवा दिए.
4 सचिन पायलट को दो साल बीतने के बाद भी अब तक कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली।
कुल मिलाकर अब तक के घटनाक्रमों में गेहलोत गुट – पाटलट गुट पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।