श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित गांव डांगरी को आतंकवादियों ने 24 घंटे के अंदर दो बार निशाना बनाया। आज यानी सोमवार 2 जनवरी को गांव में आईईडी (IED) ब्लास्ट हुआ, जिसमें 2 लोग जख्मी हो गए। इससे पहले 1 जनवरी की शाम करीब 7 बजे दो नकाबपोश आतंकी गांव में घुसे थे और 3 घरों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी।
पुलिस के मुताबिक टारगेट किलिंग
आतंकियों ने फायरिंग करने से पहले लोगों के आधार कार्ड चेक किए और हिंदुओं को ही निशाना बनाया। कल और आज हुए आतंकी हमले में एक बच्चे समेत 5 मासूम नागरिकों की मौत हुई है और 7 लोग घायल हुए हैं। सुबह हुए आईईडी ब्लास्ट के बाद सुरक्षा बलों ने ड्रोन के जरिए सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें एक और आईईडी प्लांट की हुई मिली। उसे बम स्कवाॉड ने नाकाम कर दिया। घायलों का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है।
सरपंच की जुबानी सुनिए, आतंक की कहानी
डांगरी के सरपंच धीरज शर्मा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि गांव के बीचोबीच आतंकियों ने पहले लोगों के पहचान पत्र देखे। जिहादियों ने जैसे ही हिंदू नाम देखे, उन्हें गोली मार दी। इस घटना में एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई है। इस्लामी आतंकियों ने महिलाओं के बाल खींचे और उन्हें मारा, मारने के बाद महिलाओं को कमरे में बंद कर दिया।
मामले की जांच अब करेगी एनआइए
इस हमले की जांच में सहयोग के लिए एनआईए की टीम राजौरी जाएगी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी तफ्तीश में जम्मू-कश्मीर पुलिस का सहयोग करेगी, और अपने स्तर पर साक्ष्य जुटाएगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजौरी के डांगरी गांव में हुए आतंकी हमले को आतंकवादियों की कायरतापूर्ण हरकत बताया है। उन्होंने कहा, , ‘मैं राजौरी में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। हमले में शहीद प्रत्येक नागरिक के निकट संबंधी को 10 लाख और एक सरकारी नौकरी दी जाएगी।’ गंभीर रूप से घायलों को भी 1 लाख रुपए देने की सरकार ने घोषणा की है।