आज हम किस्सा सुनाऐंगे ह ऐसे एक नेता का जिसका राजनैतिक जीवन अपने आप में अनोखा रहा। इस नेता के बारे में करी हुई एक भविष्यवाणी सच हुई पूरे 24 साल बाद और ये नेता बना उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री ।
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा रक्षा मंत्री। राजनाथ सिंह के राजनीति के किस्से जितने अनोखे हैं उनको सुनकर आप भी सोच में पड़ जाऐंगे । साल 1976 की बात रही होगी चंदौली में जन्में राजनाथ सिंह को 1976 में जेल में गए। मिर्जापुर जेल में रहते हुए उन्होंने अपना हाथ जनता पार्टी के ही एक वयोवृद्द नेता का दिखाय़ा। ये नेता थे रामप्रकाश गुप्त जो उत्तरप्रदेश में कई बड़े पदों पर रह चुके थे। राजनाथ सिंह उस समय 26 साल के जवान थे। उन्हें पता चला कि रामप्रकाश गुप्त कुंडली अच्छी देखतें हैं और हाथों की लकीरों को पढ़ने में उनकी महारता है फिर क्या था नौजवान राजनाथ ने उनके सामने अपनी हथेली पसार दी। रामप्रकाश गुप्त ने लकीरों को बारिकी से देखा और फिर बारी आई भाग्य बांचने की। राजनाथ के भाग्य को बांचते
हुए ऐलान किया वो एक दिन सूबे के मुखिया बनेंगे। हांलिक उस वक्त राजनाथ और उनके साथियों के लिए इस तरह कुछ सोच पाना किसी ख्वाब से कम नहीं था। वक्त बीतता गया। राजनाथ राजनीति के पायदान चढ़ते रहे है सूबे के राजनीति अपनी रफ्तार से चलती रही।
कैसे बने राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री
उत्तरप्रदेश में बीजेपी ने मायावती के साथ मिलकर सरकार बनाई हर छह महीने में मुख्यमंत्री बदलने की शर्त थी। लेकिन मायावती ने समर्थन ले लिया और कल्याण सिंह ने मायावती के विधायकों को तोड़कर अकेले ही बहुमत हासिल कर लिया। इस बीच बीजेपी में कल्याण सिंह के शीर्ष नेतृतव के साथ अनबन होने लगी तो उनको हटाकर रामप्रकाश गुप्त को मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन कुछ ही समय बाद रामप्रकाश गुप्त को हटाकर सत्ता जिस चेहरे के पास गई उसका नाम सुनकर आप भी हैरान हो जाऐंगे। ये वो नाम था जिसके लिए रामप्रकाश गुप्त ने 24 साल पहले भविष्यवाणी की थी कि वो एक दिन सूबे का सीएम बनेगा। जी हां उस वक्त राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया। रामप्रकाश गुप्त की भविष्यवाणी सही साबितहुई। मिर्जापुर जेल में मिला नौजवान आज सी एम बन गया वो भी गुप्ता को हटाकर।
राजनाथ सिंह जिन्होंने उत्तरप्रदेश के शिक्षा मंत्री रहते हुए नकल को लेकर इतने सख्त कानून बनाए थे कि नकल करने वाले स्टूडेंट को कोर्ट से जमानत मिलती थी।राजनाथ जब शिक्षा मंत्री रहते हुए चुनाव हार गए।और फिर उसके बाद जब वो उसी सूबे के सीएम बने तो उनके लिए जीते हुए कांग्रेस विधायक ने ही सीट खाली की। राजनाथ सिंह के इस अंदाज पर कांग्रेस औऱ बीजेपी दोनों ही हैरत में थे।
दो बार बने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
राजनाथ सिंह दो बार बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। एक बार वो लालकृष्ण आडवाणी को हटाकर पार्टी के अध्यक्ष बने। दरअसल ये वो सन था जब आडवाणी को ये समझ में आने लगा कि अटल बिहारी वाजेपीय अपने स्वास्थगत कारणों से अब कमान नहीं सम्हाल सकते। उस वक्त आडवाणी न जिन्न की मजार पर जाकर उनको सेक्यूलर कह डाला जिसके चलते उनको अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा और राजनाथ सिंह पार्टी के नए अध्यक्ष बन। इसके बाद नितिन गड़करी को बतौर अध्यक्ष रिपीट किया जाना था लेकिन किन्ही कारणों के चलते नितिन ग़ड़करी वापस अध्यक्ष नहीं बन सके उस समय संघ ने फिर से राजनाथ सिहं का नाम आगे किया। राजनाथ सिंह अध्यक्ष बनें । इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचार की कमान सौंप कर 2014 में पार्टी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की। राजनाथ सिंह नरेंद्र मोदी सरकार में पहली बार गृहमंत्री बने तो वहीं दूसरी बार में रक्षा मंत्री। राजनाथ सिंह आज देश के रक्षा मंत्री हैं।