केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। माधवी राजे सिंधिया की तबियत लंबे समय से खराब चल रही थी।करीब एक माह से भी अधिक समय से वे दिल्ली के अस्प्ताल में भर्ती थीं। उन्होंने पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था। वे निमोनिया के साथ ही साथ सेप्सिस से भी पीड़ित थीं। पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थीं जहां एम्स में बुधवार 15 मई की सुबह 9 बजकर 28 मिनिट पर उनका निधन हो गया। बता दें माधवी राजे सिंधिया परिवार की राजमाता थीं, उनके निधन के बाद ग्वालियर राजघराने में शोक की लहर छा गई है।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का निधन
- माधवी राजे सिंधिया की तबियत लंबे समय से खराब चल रही थी
- एक माह से वे दिल्ली के अस्पताल में थीं भर्ती
- निमोनिया के साथ ही साथ सेप्सिस से थीं पीड़ित
- दिल्ली एम्स में बुधवार 15 मई की सुबह 9.28 बजे ली अंतिम सांस
- माधवी राजे थीं सिंधिया परिवार की राजमाता
- 8 मई 1966 को माधवराव सिंधिया के साथ हुआ था विवाह
नेपाल की राजकुमारी थी माधवी राजे सिंधिया
माधवी राजे सिंधिया भारतीय नहीं बल्कि नेपाली राजघराने से थी। माधव राव सिंधिया के साथ 8 मई 1966 में माधवी राजे सिंधिया का विवाह हुआ था। ग्वालियर राजघराने की राजमाता रहीं माधवी राजे सिंधिया कभी नेपाल की राजकुमारी थीं। माधवी राजे सिंधिया को नेपाल में उनके मायके में शादी से पहले प्रिसेंज किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से बुलाते थे। माधव राव सिंधिया की मां राजमाता सिंधिया के स्वर्गवास के बाद ग्वालियर में माधवी राजे सिंधिया को लोग राजमाता के नाम से बुलाते थे।
समाजसेवा में थीं सक्रिय
माधवी राजे समजसेवा और चैरिटी के काम में काफी सक्रिय रहती थीं। माधवी राजे को 24 धर्मार्थ ट्रस्टों का अध्यक्ष बनाया गया था। ये ट्रस्ट शिक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में सहायता देते हैं। इसके साथ ही वे सिंधिया गल्र्स स्कूल के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की अध्यक्ष भी थीं। माधवी राजे ने अपने स्वर्गीय पति माधवराव सिंधिया की याद में ग्वालियर स्थित महल के संग्रहालय में गैलरी भी बनाई थी।