Rajasthan Youth Congress Election 2023: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होना हैं। इससे पहले सत्तारुढ़ कांग्रेस में संगठन को मजबूत करने की लिहाज से यूथ कांग्रेस के चुनाव कराए जा रहे हैं। लेकिन इस सबके बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट में आरोप प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। राहुल गांधी की समझाइश के चलते कुछ दिन दोनों नेता और उनके समर्थक खामोश रहे लेकिन ये खामोशी ज्यादादिन नहीं टिक सकी। ऐसे में यूथ कांग्रेस के लिए हो रहे चुनाव में सभी अपनी ताकत का अंदाजा लगा रहे हैं। दोनों गुट के लिए ये चुनाव खासे अहम हैं।
- गहलोत पायलट गुट की अग्निपरीक्षा
- जो जीता वही सिकंदर
- दोनों गुट ने लगाई पूरी ताकत
- 28 जनवरी से 27 फरवरी तक होगी ऑनलाइन वोटिंग
- मार्च तक चुनी जा सकती है युकां की टीम
28 जनवरी से 27 फरवरी तक युवा कांग्रेस में अध्यक्ष पद सहित विभिन्न पदों के लिए ऑनलाइन वोटिंग होगी। उसके बाद मार्च तक प्रदेशाध्यक्ष सहित प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कार्यकारिणी चुन ली जाएगी। बता दें यूथ कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन पिछले दिनों सरकार से नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस बार के नए अध्यक्ष के लिए गहलोत और पायलट दोनों गुट की ओर से अपने-अपने लोगों को मैदान में उतारने और उन्हें जिताने की कोशिश जारी है।
सभी पदों के लिए नामांकन प्रकिया पूरी
यूथ कांग्रेस के सभी पदों के लिए नामांकन प्रकिया पूरी हो चुकी है। इस चुनाव के लिए 29 नामांकन हुए हैं। यूथ कांग्रेस के विभिन पदों के लिए 28 जनवरी से 27 फरवरी तक ऑनलाइन मतदान होगा। वहीं दो दिन स्क्रूटनी चलेगी। जिसमें कई नामों को बाहर कर दिया जायेगा। इसमें वही लोग चुनाव लड़ पाएंगे जिन्होंने प्रदेश के अंदर काम किया होगा। दरअसल गहलोत और पायलट गुट के बीच चल रही गहमागहमी के बीच यह चुनाव एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इन चुनावों में जिस किसी के भी चहेते की जीत होगी, माना जा रहा है उसे ही पार्टी में बढ़त मिलती दिखाई दे सकती है।
प्रदेश स्तर पर काम करने वाले को मिलेगा मौका
राजस्थान में यूथ कांग्रेस के लिए चार पदों पर चुनाव की प्रक्रिया जारी है। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष, महासचिव, जिला अध्यक्ष और विधान सभा अध्यक्ष के लिए चुनाव कराए जा रहे है। इसके लिए 12 जनवरी से 18 जनवरी तक नामांकन का दौर चला। अब दो दिन इसके लिए स्क्रूटनी चलेगी। इस दौरान 29 में से उन सभी 13 लोगों को छोड़कर बाकी से यह सवाल पूछा जाएगा कि क्या वे जिलाध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं। बता दें यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए उन्हीं लोगों को मौका मिलेगा जो प्रदेश स्तर में काम कर चुके हैं। बाकी लोगों को अध्यक्ष के चुनाव के लिए योग्य नहीं माना जाएगा।
सदस्य बनाने में लगाई जा रही ताकत
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस चाहती है कि उसकी फौज के सिपाही संख्या में अधिक हो। ऐसे में इस चुनाव में जो जितना यूथ कांग्रेस का सदस्य बना पायेगा वहीं विजेता बनेगा। यही वजह है कि यूथ कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने से पहले उम्मीदवारों ने हर जिले और ब्लॉक स्तर पर सदस्य बनाने में अपनी ताकत लगा रखी है। 28 जनवरी से 27 फरवरी तक ऑनलाइन मतदान होगा। अध्यक्ष बनने के लिए सदस्यता करनी पड़ेगी। लेकिन टॉप थ्री में आने वालों का साक्षात्कार होगा। इसके बाद ही उसमें से कोई एक अध्यक्ष घोषित होगा। इस चुनाव पर सभी की नजरें टिकीं हैं।
नेगी की निगरानी में हो रहे चुनाव
बता दें कि पिछली बार जब यूथ कांग्रेस के चुनाव हुए थे तब कई प्रकार के आरोप लगे थे। लेकिन इस बार पारदर्शिता बरती जा रही है। यूथ कांग्रेस के प्रदेश निर्वाचन अधिकारी विपिन नेगी नगर बनाए हुए हैं। ऐसे में उनका कहना है कि इस बार सब कुछ फेयर हो रहा है। किसी को कोई भी मनमानी की इजाजत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हम लोग पूरी निगरानी कर रहे हैं।