राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली जा रही है भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों राजस्थान गुजर रही है। राजस्थान से यात्रा हरियणा में प्रवेश करेगी। इससे पहले राजस्थान कांग्रेस में मचे असंतोष और गुटबाजी को राहुल गांधी ने खत्म करने की कोशिश की है। सोमवार को मालाखेड़ा में हुई जनसभा के बाद राहुल गांधी अलवर के सर्किट हाउस पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ बंद कमरे में लंबी चर्चा की। राहुल गांधी के साथ बैठक में सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, जितेंद्र सिंह, टीकाराम जूली, भंवर जितेंद्र सिंह और गोविंद सिंह डोटासरा शामिल रहे।
- 21 दिसंबर को हरियाणा पहुंचेगी भारत जोड़ो यात्रा
- हरियाणा के मुडका सीमा में प्रवेश करेगी यात्रा
- राजस्थान छोड़ने से पहले राहुल गांधी ने की अहम बैठक
- अलवर के सर्किट हाउस में हुई बैठक
- राहुल गांधी ने कराई गहलोत पायलट में सुलह
- 2023 में होना है राजस्थान में चुनाव
- चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कराई सुलह
दरअसल साल 2023 में राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होना हैं। ऐसे में कांग्रेस नहीं चाहती कि चुनावी साल में उसके नेताओं में असंतोष और गुटबाजी रहे। विधानसभा चुनाव 2023 से पहले राहुल गांधी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ईकाई को एकजुट करने में जुटे हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हर हाल में सुलह हो। जिससे आने वाले समय में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को रिपीट किया जा सके। वहीं बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा राजस्थान में सब कुछ ठीक है।
पार्टी नेताओं का कहना है अलवर के सर्किट हाउस में राजस्थान का नया राजनीतिक इतिहास लिखा जा सकता है। साथ ही राजस्थान मॉडल को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया गया। जनता के लिए विधायक और मंत्रिमंडल के दरवाजे खुले रखने के निर्देश सहित कार्यकर्ताओं की पूरी सुनवाई हो। साथ ही उनके काम हों। इसको भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम अशोक गहलोत के राजस्थान मॉडल और फाइव स्टार योजना को लेकर राहुल गांधी खुश दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने दोनों बड़े नेताओं को साथ ही मिलकर काम करने की भी नसीहत दी है। माना जा रहा है सचिन पायलट को जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
नाराजगी से सत्ता में वापस पर संकट
सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार और गुटबाजी से राजस्थान कांग्रेस की स्थिति बिगड़ती जा रही थी। साल 2023 में विधानसभा के चुनाव होना है। ऐसे में राज्य के दो बड़े नेताओं के बीच बढ़ती तनातनी सत्ता में वापसी पर संकट आ गया था। ईकाई के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहती है। दोनों नेताओं के बीच में जिस तरह की बयानबाजी देखने को मिलती है। कई मौकों पर ये पार्टी के लिए ये मुसीबत बन जाती है। अब क्योंकि राजस्थान में 2023 में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी का एकजुट रहना जरूरी है। लिहाजा दोनों दिग्गज नेताओं का भी मतभेद भुला साथ रहना जरूरी है। यही वजह है कि राहुल गांधी ने दोनों नेताओं के साथ बैठक की है।