राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। Bharat Jodo yatra के राजस्थान से जाते ही राजस्थान कांग्रेस के नेता चुनावी मोड़ में आ गए है। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने राजस्थान का दौरा किया ।
रंधावा के दौरे के बाद राजस्थान कांग्रेस में होगें बदलाव
रंधावा के दौरे के बाद आकलन है कि राजस्थान कांग्रेस में बदलाव होंगे।रंधावा ने राजस्थान में पांच दिन तक मुलाकातों और बैठकों को दौर जारी रखा। रंधावा ने सी पी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और सचिन पायलट सभी से मुलाकात की। अलग अलग हुई इन मुलाकातों के बाद अटकलें है कि राजस्थान कांग्रेस में जल्दी ही संगठऩ में नियुक्तियां की जाएंगी।
चुनावों के पहले संगठन के मजबूती पर जोर
राजस्थान में दस महीने बाद चुनाव होने हैं। ऐसे में कई सारे जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों के पद खाली पड़े है। संगठन को मजबूत बनाने के लिए खाली पदों पर जल्दी ही नियुक्तियां की जावेंगी। अगर जिला स्तर पर सगंठन के पद खाली रहे तो पार्टी चुनावी तैयारी नहीं कर सकेगी।
रंधावा ने अपने दौरे के दौरान मीडिया से बात की। रंधावा ने कहा कि उनका फोकस पार्टी के संगठन को मजबूत करना है।
रंधावा ने कहा कि ब्लॉक और जिला अध्यक्षों के साथ साथ कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में खाली पड़े पदों पर भी जल्दी ही नियुक्तियां की जावेंगी।
सचिन पायलट को हटाने के साथ भंग हुई कार्यकारिणी
दऱअसल राजस्थान में सचिन पायलट पीसीसी चीफ थे। जुलाई 2020 के दौरान हुए सियासी घटनाक्रम के बाद सचिन पायलट से अध्यक्ष की कमान छिन ली गई थी और उनको उप मुख्यमंत्री पद से भी हटा दिया था। उसके बाद से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी भी भंग हो गई थी। गोविंद डोटासरा को पार्टी की कमान दी लेकिन कार्यकारिणी अभी तक पूरी नहीं बनी।
विधायकों के इस्तीफे होंगे वापस
सितंबर में राजस्थान में सियासी संकट के समय जिन विधायकों ने इस्तीफे दिए थे उनके इस्तीफे वापस किए जाऐंगे। रंधावा ने राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा से भी मुलाकात की । रंधावा के दौरे का असर भी तुरंत देखने को मिल रहा है । जिन विधायकों ने सितंबर में इस्तीफा दिया था वो सभी इस्तीफा वापस लेने पंहुच रहे है।
सितंबर में मचा सियासी घमासान
राजस्थान में सितंबर में सियासी घमासान चरम पर था। दऱअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चल रहा था। आलाकमान सोनिया गांधी ने उनको मुलाकात के लिए दिल्ली बुलाया था। इस दौरान राजस्थान की कमान किसे मिले इसे लेकर केंद्रीय पर्यवेक्षक राजस्थान पहुंचे थे। पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर पंहुचे अजय माकन के साथ मीटिंग के लिए गेहलोत समर्थक विधायक नहीं पंहुचे ब्लकि उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया। उसके बाद राजस्थान में जमकर सियासी घमासान मचा और आरोप प्रत्यारोपों का दौर सचिन पायलट को “गद्दार” कहने तक जा पहुंचा।
भारत जोड़ो यात्रा के पहले हुई सुलह
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दोनों नेताओं में सुलह कराई गई। दोनों नेताओं ने एक साथ भारत जोड़ो यात्रा की बागडोर सम्हाली और राहुल गांधी के साथ एक मंच पर दिखे । हांलाकि दोनों के समर्थक यात्रा के दौरान भी पोस्टर वार करते नजर आए।
गेहलोत सरकार का आखिर बजट
राजस्थान मे अशोक गेहलोत सरकार का आखिरी बजट पेश होने वाला है। इसके बाद पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड़ में आ जाएगी। यही वजह है कि उससे पहले पार्टी के संगठन गढ़ने पर जोर दिया जा रहा है।