राजस्थान विधानसभा चुनाव: रिश्तों पर सियासत भारी, चुनाव में पिता-पुत्री तो कही पति-पत्नी और मैदान में जीजा-साली!

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव के ​लिए 25 नवंबर को मतदान होना है। इससे पहले सभी पार्टियां और प्रत्याशी पूरा जोर लगा रहे है। उम्मीदवारों की स्थिति भी साफ हो चुकी है। राज्य की सभी 200 सीटों पर उम्मीदवार अपना अपना नामांकन कर चुके है। इसी बीच राजस्थान विधानसभा चुनाव के समर में इस बार ऐसे भी कई प्रत्याशी और उनके प्रतिद्वंदी हैं जिनका मुकाबला देखना रोचक होगा। इन प्रत्याशी और उनके प्रतिद्वंदी में कई रिश्तेदार भी आमने सामने हैं।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बीच इस बार नए.नए रंग देखने को मिल रहे हैं। सत्ता की चाह में इस बार रिश्तों पर सियासत भारी पड़ती नजर आ रही है। किसी सीट पर कहीं पति-पत्नी चुनाव में आपने सामने मैदान में हैं तो कहीं पिता पुत्री दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं। इस बार दरअसल सियासत को लेकर कई विधानसभा सीटों पर रोचक चुनावी मुकाबला देखने को मिल सकता है।। इसको लेकर राजस्थान की सियासत में चर्चा जोरों पर हो रही है। विधानसभा चुनावों के दौरान रिश्तों में आपसी चुनावी मुकाबले को लेकर लोगों की नजरें टिकी हुईं हैं। लोगों में चर्चा है आखिर इन विधानसभा सीटों का चुनाव परिणाम क्या होगा? क्या बेटी पिता को पत्नी पति और साली जीजा को चुनाव में शिकस्त देने में कामयाब होगी।

अलवर सीट पर पिता के सामने बेटी ने खोला मोर्चा

राजस्थान की अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट की बात करें तो यह सीट इन दिनों सबसे अधिक सुर्खियों में है। चुनाव में इस बार बीजेपी प्रत्याशी जयराम जाटव चुनावी मैदान में हैं तो उनके खिलाफ उनकी ही बेटी मीना कुमारी ने उन्हें चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनौती दी है। बेटी से पिता को चुनौती मिलती नजर आ रहीं हैं। बता दें दोनों बाप बेटी पुत्री के बीच पुरानी अदावत चली आ रही है। लिहाजा रिश्तों की यह जंग अब विधानसभा चुनाव के मैदान में भी दिख रही है।

धौलपुर में जीजा को साली की चुनौती

राजस्थान में धौलपुर विधानसभा सीट पर भी मुकाबला रोचक होने वाला है। यहां जीजा को साली ने चुनावी चुनौती दी है। दोनों एक दूसरे के सामने मैदान में हैं। इसमें कांग्रेस के टिकट पर मौजूदा निर्दलीय विधायक शोभा रानी कुशवाहा ने अपने जीजा और बीजेपी प्रत्याशी शिवचरण कुशवाहा को चुनावी मैदान में कड़ी टक्कर देती नजर आ रही हैं।

पिता- पुत्र के बीच चुनावी मुकाबला

सवाई माधोपुर जिले की खंडार विधानसभा सीट भी इस तर​ह के सियासी समीकरण बन रहे हैं। यहां इस बार रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। खंडार विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अशोक बैरवा के सामने उनके पिता डालचंद बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। ऐसे में बेटे को पिता की चुनौती मिल रही है। यही वजह है कि इस सीट को लेकर भी सियासत की नजरें टिकी हुई हैं।

दांतारामगढ़ सीट पर पति-पत्नी लड़ रहे चुनाव

कहते हैं पति पत्नी दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये की तरह होते हैं। दोनों एक दूसरे के बगैर अधूरे हैं। लेकिन राजस्थान की दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर एक दंपत्ति मैदान में हैं। यह अब तक का सबसे रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। जिसमें पति के खिलाफ पत्नी ने चुनावी मैदान संभाल लिया है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार विजेंद्र सिंह है तो उनकी ही पत्नी रीटा चौधरी से उन्हें चुनावी चुनौती मिल रही है। रीटा को जननायक पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। बताया जाता है कि दोनों के बीच पिछले कई साल से विवाद चल रहा है।

पूर्व IAS-IPS रिश्तेदार के बीच मुकाबला

राजस्थान की बस्सी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां इस सीट पर पूर्व आईएएस चंद्र मोहन मीणा बीजेपी के प्रत्याशी हैं जबकि उनके रिश्तेदार और मित्र पूर्व आईपीएस लक्ष्मण मीणा कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस से टिकट लेकर उनके सामने ताल ठोक दी है। बता दें कि लक्ष्मण मीना बस्सी विधानसभा से फिलहाल विधायक भी हैं। पिछली बार उन्होंने बस्सी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसमें वे बड़े अंतर से जीत हासिल की थी।

इस सीट पर चाचा-भतीजे के बीच मुकाबला

भादरा विधानसभा क्षेत्र की बात करें भाजपा की ओर से संजीव बेनीवाल मैदान में हैं। उन्हें टिकट देकर बीजेपी ने मुकाबला रोचक बना दिया है। वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो उनके सामने कांग्रेस के टिकट पर भतीजे अजीत बेनीवाल ने चुनाव मैदान संभाल लिया है। इसी क्रम में खेतड़ी विधानसभा सीट भी शामिल है। कांग्रेस के टिकट पर मनीषा गुर्जर यहां से चुनावी मैदान उतरी हैं। वहीं उन्हें बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहे धर्मपाल से बड़ी चुनौती मिल रही है। रिश्तों में धर्मपाल उनके चाचा लगते हैं। नागौर की विधानसभा सीट पर भी यही स्थिति है। बीजेपी के टिकट पर है तो कांग्रेस की ओर से उनके चाचा हरेंद्र मिर्धा को टिकट दिया गया है, इस तरत चाचा भतीजा चुनाव मैदान में उतारे हैं।

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