मरुभूमि राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा, जबकि मतगणना 3 दिसंबर को होगी। ऐसे में यहां उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। नामांकन के अंतिम दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनकी सरकार में मंत्री शांति धारीवाल और कई उम्मीदवारों ने अपने अपने नामांकन नामांकन पत्र दाखिल किए। वहीं विपक्ष में बैठी भाजपा और कांग्रेस के बागियों ने भी ताल ठोंंकते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया है। राजस्थान में बागी इस बार दोनों दल के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।
- मरुभूमि राजस्थान में 25 नवंबर को होगा मतदान
- विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा
- मतगणना 3 दिसंबर को होगी
- उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया हुई पूरी
- नामांकन का अंतिम दिन था 6 नवंबर, अब नाम वापसी पर नजर
- सीएम अशोक गहलोत ने भी भरा अंतिम दिन नामांकन
- मंत्री शांति धारीवाल और कई उम्मीदवारों ने किया नामांकन
- भाजपा और कांग्रेस के बागियों ने भी ठोंकी ताल
- निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भरा नामांकन पत्र
- राजस्थान में बागी बने दोनों दल की परेशानी
सरदारपुरा की सीट से मैदान में उतरे सीएम गहलोत
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी नामांकन के अंतिम दिन का इंतजार किया और आखरी दिन नामांकन करने पहुंचे। सीएम ने जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से नामांकन फार्म जमा किया है। वहीं गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने बूंदी की हिंडोली विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया। उनके समर्थन में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा की ओर से एक बड़ी जनसभा आयोजित की गई थी। वहीं कोटा उत्तर विधानसभा सीट से शहरी विकास और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल चुनाव मैदान में उतरे हैं। आखरी दिन उन्होंने भी नामांकन दाखिल कर दिया है।। कोटा उत्तर विधानसभा सीट पर शांतिलाल धारीवाल का मुकाबला भाजपा के प्रह्लाद गुंजल से होने जा रहा है।
नामांकन के साथ वार पलटवार भी
नामांकन के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने जहां सरकार बनने का दावा किया। वहीं यह दावा भी किया कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर घर तक पहुंचा है। राज्य के एक करोड़ चार लाख परिवारों को 500 रूपये में रसोई गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। वहीं बीजेपी की ओर से धारीवाल के खिलाफ कोटा उत्तर सीट से चुनाव लड़ रहे प्रह्लाद गुंजल ने धारीवाल पर निशाना साधा। गुंजल ने कहा मंत्री धारीवाल को कांग्रेस का हर कार्यकर्ता राजस्थान में सबसे भ्रष्ट मंत्री कहता है।
कांग्रेस के बागियों भी नामांकन कर डराया
विधानसभा चुनाव में इस कांग्रेस में भी खासी बगावत देखने को मिल रही है। बागी शिव प्रसाद मीणा के साथ गौरव शर्मा, रूपेश शर्मा और राकेश बोयत ने कोटा विधानसभा सीट और बूंदी की अलग-अलग विधानसभा सीटों से अपना अपना नामांकन दाखिल किया है।। कोटा की लाडपुरा सीट पर भाजपा की ओर से कल्पना देवी को टिकट दिए जाने के बाद भाजपा के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत भी नाराज हैं। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है।
राजवी को चित्तौड़ से को टिकट
वहीं गुलाबी शहर जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर राजपाल सिंह नाराज हैं। उन्होंने कहा पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार से क्षेत्र के कार्यकर्ता खुश नहीं हैं। जयपुर ग्रामीण सीट से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ झोटवाड़ा सीट से विधानसभा चुनाव मैदान मेंं लड़ रहे हैं। इस तरह चित्तौड़गढ़ में मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट भाजपा ने काट दिया है। वहां से नरपत सिंह राजवी को टिकट देकर मैदान में उतारा है। जिससे आक्या बागी होकर मैदान में आ गए। बागी आक्या ने कहा उन्होंने आखरी समय तक पार्टी का फैसला बदलने का इंतजार किया है। जब कोई बदलाव नहीं हुआ तो ऐसे में उन्होंने चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया, अब वे चुनाव लड़ेंगे।।
बात करें चित्तौड़गढ़ की तो यहां से भाजपा से बगावत करने वाले चंद्रभान सिंह आक्या, जयपुर के झोटावाडा से बागी राजपाल सिंह शेखावत, डीडवाना से बागी यूनुस खान, शाहपुरा से बागी कैलाश मेघवाल और शिव विधानसभा क्षेत्र से बागी रवींद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। रवीन्द्र भाटी जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। वे हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें उम्मीद थी कि बाड़मेर के शिव निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी टिकट देगी , लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया गया। इसके बाद रवीन्द्र ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया है।