पायलट पर फैसले से पहले गहलोत के अंगूठे में चोट! कहीं ये गहलोत की कोई जादगूरी तो नहीं!

छत्तीसग़ढ़ में टीएस सिंहदेव के डिप्टी सीएम बनने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि राजस्थान को लेकर भी कांग्रेस हाईकमान कुछ इसी तरह का फैसला कर सकते हैं। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सियासी अदावत सड़क पर आने के साथ ही अनशन और जनसंषर्घ यात्रा तक पहुंच चुकी है। सामने चुनाव हैं, ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने दोनों के बीच दूरी खत्म करने के कई प्रयास किये, लेकिन सफल नहीं हुए। अब छत्तीसगढ़ को लेकर लिये गये फैसले के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि राजस्थान में भी सचिन पायलट को फिर से डिप्टी सीएम बनाकर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है।

गहलोत को डाॅक्टरों की सलाह 15 दिन का बेड रेस्ट

राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के साथ मल्लिकाजुर्न खरगे और राहुल गांधी मीटिंग भी करने वाले हैं, लेकिन इससे पहले सीएम अशोक गहलोत के पैर के अंगूठे में चोट लग गई। डाॅक्टरों ने ने उपचार तो कर दिया लेकिन 15 दिन का बेड रेस्ट करने की सलाह सीएम अशोक गहलोत को दे डाली। ऐसे में 1 और 2 जुलाई को 200 विधानसभा क्षेत्रों में विधायक प्रत्याशी चिंतन कार्यक्रम के साथ कई जरुरी बैठक स्थगित की जा सकती हैं। अचानक तबीयत बिगड़ने और चोटिल होने से गहलोत के आगामी तमाम कार्यक्रम स्थगित होने के आसार नजर आ रहे हैं।

3 और 4 जुलाई को दिल्ली में होना है बैठक

सबसे खास बात ये है कि सचिन पायलट के मुद्दे और मांगों के साथ उन्हें पद देने और कांग्रेस के संगठनात्मक पदों पर नियुक्ति के लिए मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ होने वाली बैठक संभवत रद्द की जा सकती है। ये बैठक 3 और 4 जुलाई को दिल्ली में होना है। जिसमें सीएम गहलोत के साथ प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावाए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश कांग्रेस के तीनों सह प्रभारियों को दिल्ली बुलाया गया था। लेकिन ये बैठक 15 दिन के लिए टल सकती है । ऐसे में सियासी हल्को में चर्चा है कि अशोक गहलोत ने एक बार फिर जादुगरी दिखाते हुए सचिन पायलट के मंसूबे पूरे होने से पहले खेल बिगाड़ दिया है। चर्चा यह भी है कहीं अंगूठा दिखाने की गरज से गहलोत के अंगूठे में सियासी चोट तो नहीं लगी है। खैर ये आने वाले कुछ दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।

पायलट  को लाना होगा मुख्य धरा में धारा में

दरअसल चुनाव से पहले सचिन पायलट को पद देकर कांग्रेस उन्हें मुख्य धारा में लाने की तैयारी कर रही है। पायलट के सियासी पुनर्वास को लेकर पहले भी कई दौर की चर्चा हो चुकी है। इसके लिए पार्टी में तीन विकल्प पर मंथन और विचार विमर्श किया जा रहा है। राहुल गांधी फिलहाल मणिपुर दौरे पर हैं। उनके वहां से लौटने के बाद हाईकमान कदम आगे बढ़ा सकता है। कांग्रेस हाईकमान विधानसभा चुनावों का प्रचार अभियान शुरू होने से पहले गहलोत और पायलट के बीच का झगड़ा सुलझाना चाहता है। लिहाजा इसके लिए फिर बंटबारे के फॉर्मूले को तैयार किया गया है। जिसे लागू करने की एक्सरसाइज भी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस हाईकमान को यह फीडबैक मिलता रहा है कि पायलट खेमे का साथ लिए बगैर विधानसभा चुनाव में सफलता नहीं मिलेगी। सरकार के खिलाफ जो नाराजगी है उसे कम नहीं किया जा सकता । यही वजह है कि दोनों खेमों को साधकर चुनावी मैदान में जाने की योजना तैयार की जा रही है।

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