इस साल राजस्थान के साथ एमपी और छत्तीसगढ़ समेत 5 प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी के लिए जीत के लिहाज से सबसे मुफीद राजस्थान है। राजस्थान में बीजेपी को जीत की अधिक संभावना नजर आ रही है। ऐसे में बीजेपी ने राजस्थान को पांचों राज्यों में पहले नंबर पर रखा है।
- बीजेपी का गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप
- महिला उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के निगेटिव नैरेटिव
- अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में जुटेी बीजेपी
- योग्य उम्मीदवार की तलाश बैठाए जा रहे जातीय समीकरण
- सकारात्मक मुद्दों को साधने की नई रणनीति भी बनाई जा रही
- गहलोत और पायलट के बीच सियासी मनमुटाव पर भी बीजेपी की नजर
दरअसल बीजेपी नेता गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण, महिला उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के निगेटिव नैरेटिव से अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसके साथ ही जीत के लिए योग्य उम्मीदवार, जातीय समीकरण और सकारात्मक मुद्दों को साधने की नई रणनीति भी बनाई जाने लगी है। उसकी नजर सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रहे सियासी मनमुटाव पर भी है। इस सबके बीच बीजेपी यहां पॉलिटिकल फीडबैक हासिल करने के लिए नए विभाग को एक्टिव कर चुकी है। जिसकी कमान अमित शाह के खास माने जाने वाले राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी गई है। पॉलिटिकल फीडबैक नामक यह विभाग चुनावी राज्यों में पार्टी की जीत के फार्मूलों पर काम करेगा।
हर एक विधानसभा सीट के जातीय समीकरणों से लेकर स्थानीय मुद्दों के धरातल पर असर और विपक्षी दलों के संभावित उम्मीदवारों का समय रहते पता लगाकर पार्टी के जीतने योग्य उम्मीदवारों के चयन में इसकी अहम भूमिका रहेगी। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि चुनाव के दौरान रणनीतिक रूप से यह बात सबसे ज्यादा काम करती है कि ग्राउंड पर उन स्थितियों का समय रहते पता लगा लिया जाए जिनका वोटर के दिमाग पर सीधा असर होता है। लिहाजा पॉलिटिकल फीडबैक विभाग सभी विधानसभा सीटों की ग्राउंड रियलिटी के बारे में पार्टी नेतृत्व को फीडबैक देगा ताकि इसके हिसाब से पार्टी की रणनीति को बेहतर किया जा सके। इसके अलावा राजस्थान में शैलेन्द्र भार्गव को प्रदेश संयोजक के रुप मे तैनात किया गया है।