राजस्थान की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर शनिवार 25 नवंबर को छिटपुट घटनाओं के साथ शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया। रात सवा दस बजे तक कई जगह मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार नजर आई। मतदान के लिए तय समय सीमा तक मतदान केन्द्र पहुंचने वाले सभी लोगों ने मतदान किया। राज्य के बांदीकुई, डूंगरपुर, परबतसर और आसींद सहित कई स्थानों पर रात 10.15 तक मतदान की प्रक्रिया चली। चुनाव विभाग की ओर से रात करीब 12 बजे मतदान का अंतिम आंकड़ा फाइनल किया।
जिसमें इस बार राजस्थान में 74.96 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इस आंकड़े में होम वोटिंग के साथ डाक मतपत्रों को भी शामिल किया गया है। बता दें पिछली बार साल 2018 के चुनाव में करीब 74.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। इस बार सबसे अधिक मतदान वाले जिलों में प्रतापगढ़, बांसवाड़ा और जैसलमेर जिले शामिल हैं। यहां अन्य जिलों की अपेक्षा सबसे अधिक मतदान हुआ है। वहीं सिरोही, करौली और पाली जिलों में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया।
- 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर हुआ मतदान
- छिटपुट घटनाओं के साथ शांतिपूर्ण मतदान संपन्न
- अब तक 74.96 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया
- होम वोटिंग के साथ डाक मतपत्रों को भी शामिल किया
- 2018 के चुनाव में हुआ था 74.71 प्रतिशत मतदान
- सबसे अधिक प्रतापगढ़, बांसवाड़ा और जैसलमेर में मतदान
- सिरोही, करौली और पाली जिले में सबसे कम मतदान
मतदान के दौरान कुछ जगह छिटपुट घटनाएं भी हुईं। बाड़ी में जहां हवाई फायरिंग होने के साथ सीकर, धोलपुर चूरू और भरतपुर जिले में पथराव की खबरें मिल है। वहीं कुछ स्थानों पर ईवीएम और वीवीपैट में खराबी की शिकायत मिली थी। हालांकि यहां खराब मशीनो को बदला गया। सीकर और बस्सी आदि में करीब आधा दर्जन जगह मतदान बहिष्कार किया गया। वहीं मतदान के बाद देर रात तक मतदान दल ईवीएम-वीवीपैट जमा कराते नजर आए। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। ईवीएम और वीवीपैट स्ट्रांग रूप में कड़ी सुरक्षा के बीच रखी गई। मतदान दलों की ओर से जमा कराई गई ये ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को सीलकर स्ट्रांग रूप में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच में रखा गया है। हालांकि दिन के समय तो मतदानकी प्रक्रिया कहीं नहीं रुकी, लेकिन मतदान दल और ऑब्जर्वर की रिपोर्ट मिलने के बाद उसके आधार पर चुनाव आयोग कुछ स्थानों पर रिपोलिंग के बारे में निर्णय कर सकता है।
30 साल से कायम है राज बदलने का रिवाज
राजस्थान में पिछले 30 साल से हर बार विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन होता रहा है। विधानसभा के इन 6 चुनावों में चार बार मतदान प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की गई तो 2 बार कम मतदान हुआ। इसके बाद भी सत्ता परिवर्तन का रिवाज कायम रहा। पिछले तीस साल में बीजेपी ने 2013 में जनता दल के साथ मिलकर तो कांग्रेस ने साल 2008 में बसपा विधायकों को अपनी पार्टी में मिलाकर सरकार बनाई थी। अब 2023 में मतदान 74.96 % हुआ है। 2018 के चुनाव में राजस्थान में 74.06 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। जिससे इस बार चुनाव में 0.9 प्रतिशत अधिक मतदान दर्ज किया गया है। ऐसे में हर पांच साल में राज बदलने के रिवाज वाले राजस्थान में वोटिंग ट्रेंड को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। फिर से सत्ता में परिवर्तन होगा या कांग्रेस सरकार रिपीट होगी। यह अब 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम सामने आने के बाद ही साफ होगा।
सबसे अधिक जैसलमेर जिले में मतदान
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। अब 3 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। शनिवार 25 नवंबर को सबसे अधिक मतदान जैसलमेर जिले दर्ज किया गया। उसके बाद धौलपुर और हनुमानगढ़ जिलों में मतदान दर्ज किया गया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता की ओर से जानकारी दी गई है। जिसमें बताया गया कि अंतिम मत प्रतिशत के सभी आंकड़े मिलके बाद ही जारी किये जा सकेंगे। बता दें राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही मुख्य मुकाबला है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने अपने-अपने दल को इस बार जनादेश मिलने की उम्मीद जताई है।
पायलट का दावा कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी
राजस्थान कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा है कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि जनता अच्छा निर्णय लेगी। उन्हें लगता है कि जनता चाहती है कि कांग्रेस की ही सरकार फिर से बने और बीजेपी का जो पिछले पांच साल में प्रदर्शन रहा है जनता ने ये देखा है। कांग्रेस पार्टी का विजन वो लोग देख रहे हैं। बीजेपी यहां विपक्ष की भूमिका निभाने में भी नाकामयाब रही है। उन्हें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस भारी बहुमत के साथ यहां सरकार बनाएगी। वहीं सीएम अशोक गहलोत ने भी जोधपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान कांग्रेस के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं की बात कही और कहा कि राजस्थान के साथ ही पार्टी राज्य में फिर से सरकार बनाएगी। गहलोत ने कहा ऐसा लगता है कि राज्य में कोई अंडरकरंट है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस की दोबारा सरकार बनेगी।
कायम रहेगा राज बदलने का रिवाज वसुंधरा
राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने मतदान के बाद मीडिया से बातचीत में गहलोत के अंडरकरंट वाले बयान पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा- वे उनसे सहमत हैं। वास्तव में राज्य में एक ‘अंडर करंट’ है लेकिन यह अंडर करंट बीजेपी के पक्ष में है। आने वाली 3 दिसंबर को राज्य में कमल खिलेगा। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी भाजपा भारी बहुमत के साथ सत्ता में आने की बात कही है।