राजस्थान विधानसभा चुनाव पहले निलंबन, अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को बीजेपी कर सकती है बर्खास्त

suspension former BJP assembly speaker may be sacked

राजस्थान में बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी नेताओं के हर बयान पर बारिकी से नजर रखे हुए है। इस बीच बीजेपी ने पार्टी का अनुशासन तोड़ने वाले राजस्थान के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा विधायक कैलाश मेघवाल पर सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर ली है। जिससे दूसरे नेताओं को भी सबक मिल सके। बीजेपी ने कैलाश मेघवाल को पार्टी से निकालने की तैयारी कर रही है। निलंबन के बाद बीजेपी कभी भी उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर सकती है।

केन्द्रीय अनुशासन समिति के फैसले का इंतजार

दरअसल चुनावी बेला में बगावती तेवर अपनाने पर बीजेपी कैलाश मेघवाल को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने की तैयारी में है। इसके साथ ही विधायक दल से भी मेघवाल को बाहर किया जा सकता है। हालांकि प्रदेश बीजेपी ने इस एक्शन के लिए बीजेपी के केंद्रीय अनुशासन समिति और केंद्रीय नेतृत्व से राय मांगी है। राजस्थान बीजेपी की अनुशासन समिति ने मेघवाल की निष्कासन के लिए केंद्रीय अनुशासन समिति और केंद्रीय नेतृत्व से पत्र लिखकर राय मांगी है। प्रदेश बीजेपी केंद्रीय अनुशासन समिति और केंद्रीय नेतृत्व के जवाब का इंतजार कर कर रही है। माना जा रहा है कि जैसे ही केंद्रीय समिति से जवाब आएगा, उसके साथ ही मेघवाल को बर्खास्त कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि राजस्थान बीजेपी की अनुशासन समिति ने अपने पत्र में यह साफ लिखा है कि मेघवाल ने जिस तरह से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल पर सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उससे पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में मेघवाल को 6 साल के लिए निष्कासित किया जाना चाहिए। ऐसा करने से दूसरे नेताओं को भी सबक मिलेगा की वह पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़े।

मेघवाल ने लगाए थे मेघवाल पर गंभीर आरोप

बता दें कैलाश मेघवाल ने पिछले दिनों अपनी ही पार्टी के केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और प्रदेश के नेताओं पर खुल्लम खुल्ला आरोप लगाया था। कैलाश मेघवाल ने खुलकर अर्जुन मेघवाल के खिलाफ बोलते हुए कहा था कि अर्जुन राम केंद्रीय मंत्री हैं। उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। ऐसे में वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री उन्हें अपनी टीम से हटा दें। क्योंकि अर्जुन मेघवाल भ्रष्टाचार में शामिल हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अर्जुन राम मेघवाल ने कई तरह के भ्रष्टाचार किए हैं। इसलिए उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। पिछले दिनों जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैलाश मेघवाल आरोपों का पुलिंदा लेकर आए थे। जिसमें लिखा हुआ था कि बीजेपी पर से लेकर नीचे तक गुटबाजी की जकड़न में है। कभी हम हीरो थे और आज वे जीरो हैं। कैलाश मेघवाल ने कहा कि उन्होंने एक चिट्ठी पीएम मोदी को लिखी है।

निलंबन के बाद भी नहीं माने तो निष्कासन

बीजेपी में किसी भी तरह से अनुशासन तोड़ने पर पार्टी अनुशासन समिति की ओर से पहले नोटिस जारी किया जाता है। जिसके बाद जवाब मांगा जाता है। तय समय तक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासन समिति पार्टी की प्रारंभिक सदस्यता से निलंबित करने की अनुशंसा की जाती है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को यह अनुशंसा की जाती है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अनुशंसा का परीक्षण कर निलंबन की कार्रवाई के आदेश जारी करते हैं। निलंबन के आदेश में भी करीब 10 से 15 दिन का समय संबंधित को सफाई के लिए दिया जाता है। इसके बाद भी पार्टी का अनुशासन तोड़ने वाला नेता अपना जवाब संतुष्टि पूर्ण नहीं देता है तो उसके बाद पार्टी 6 साल की लिए निष्कासित कर दिया जाता है। अनुशासन तोड़ने वाले नेता के खिलाफ लोकसभा और विधानसभा सभा के साथ दूसरा चुनाव नहीं लड़ सकता है। बता दें राजस्थान के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने पिछले दिनों एक सभा को संबोधित करते हुए अपनी पार्टी के नेता और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को भ्रष्टाचारी बताया था। उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी। मेघवाल के बयान से राजस्थान की सियासत गरमा गई। बीजेपी ने अनुशासनहीनता मानते हुए 10 दिन का 29 अगस्त को नोटिस जारी किया था। उनसे जवाब मांगा था। लेकिन कैलाश मेघवाल ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। इतना ही नहीं 13 सितंबर को प्रेस कांफ्रेस कर अपने आरोप को खुले तौर पर दोहरा दिया। साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए। ऐसे में मेघवाल की अनुशासनहीनता पर बीजेपी राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने उन्हें उसी दिन पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था।

वसुंधरा राजे के खास माने जाते हैं मेघवाल

कैलाश मेघवाल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खास करीबी माने जाते हैं। मेघवाल ने 13 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इस बात का जिक्र किया था कि पार्टी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की अनदेखी कर रही है। वसुंधरा राजे के साथ उनके समर्थकों को लगातार अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है। कैलाश मेघवाल ने यहां तक कहा था कि बीते दिनों वसुंधरा राजे की जितनी अधिक अनदेखी हुई। जितना अपमान हुआ। आज तक किसी का नहीं हुआ है। कैलाश मेघवाल ने कहा वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की अनदेखी की वजह से विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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