राजस्थान में CM गहलोत ने चला बड़ा सियासी दांव,होगी जातिगत जनगणना,ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण

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बिहार में जातीय जनगणना अपने स्टार्टिंग फेज से ही विवादों में है। इधर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में उनकी सरकार जातिगण जनगणना करायेगी। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सीएम गहलोत जब ये घोषणा कर रहे थे तब मंच पर राहुल गांधी भी बैठे थे। ऐसे में अशोक गहलोत ने सभा में कहा- राहुल गांधी ने कहा है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए तो पूरे देश में एक मैसेज चला गया है। सीएम गहलोत ने यह भी कहा राहुल गांधी चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो। हम भी चाहते हैं जातिगत जनगणना की शुरूआत राजस्थान से हो।

राजस्थान के सीएम ने हम चाहेंगे आपकी भावना के हिसाब से राजस्थान में जातिगत जनगणना शुरू होगी। जाति के आधार पर जिसका जितना हक है, उसे मिलेगा। इस प्रकार की सोच को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं। चुनावी साल में सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार देर रात एक ट्वीट भी किया। जिसमें ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की घोषणा की। सीएम ने ट्वीट कर लिखा राजस्थान में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा के साथ ही, ओबीसी आरक्षण 21% से बढ़ाकर 27% करने और मूल ओबीसी के लिए अलग से 6% आरक्षण करने की घोषणा भी कर दी। जिसे बीजेपी चुनावी पैंतरा बता रही है।

राहुल की मौजूदगी में गहलोत ने खेला सियासी दांव

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी की मौजूदगी में मानगढ़ धाम से ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ी घोषणा की है। सीएम गहलोत ने घोषणा कि अब राजस्थान में ओबीसी वर्ग का आरक्षण 21 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी होगा। मूल ओबीसी को भी अलग से 6 फीसदी आरक्षण राज्य में दिया जाएगा। आरक्षण को बढ़ाने के लिए राजस्थान में लंबे समय से आंदोलन किए जा रहे थे। ऐसे में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सीएम गहलोत की इस घोषणा ने प्रदेश में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
बता दें लंबे समय से सीएम गहलोत से ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की पैरवी की जा रही थे। पश्चिमी राजस्थान में उनके नेतृत्व में कई बार बड़े प्रदर्शन भी किए गए। जिनमें लाखों की संख्या में युवा सड़कों पर उतरकर अपने हक की मांग कर रहे थे। सीएम की इस घोषणा के बाद यह माना जा रहा है कि अब विधानसभा चुनावी में बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है। राजस्थान में ओबीसी की जनसंख्या लगभग 60 प्रतिशत है। इस घोषणा से आने वाले चुनावों में कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। जानकार इसे सीएम गहलोत का सियासी दांव मानकर चल रहे हैं।

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