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रायपुर में 138 साल पुरानी कांग्रेस का राष्ट्रीय महाधिवेशन, कहीं चिंतन शिविर न बन जाए चिंता शिविर

DigitalDesk by DigitalDesk
February 24, 2023
in छत्तीसगढ, मुख्य समाचार, राजनीति, रायपुर, स्पेशल
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Raipur Congress National Convention
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कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय महाधिवेशन शुक्रवार से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुरु हो चुका है। अगले तीन दिन तक कांग्रेसी अग्रिम पंक्ति के नेता एक साथ बैठ कर आगे की रणनीति और कार्ययोजना बनाएंगे। माना जा रहा है कि कांग्रेस संगठन में बड़े बदलावों पर मुहर इस अधिवेशन में लग सकती है जिसे पार्टी के संविधान संशोधन के जरिए लागू किया जाएगा। इनमें वे बदलाव शामिल हो सकते हैं, जिन्हें लेकर राजस्थान के उदयपुर नव चिंतन शिविर में प्रस्ताव पारित किये गये थे। संविधान संशोधन के लिए बनी समिति इसे नेकर अपना प्रतिवेदन पेश करेगी। जिस पर चिंतनन मनन के बाद संशोधन का फैसला होगा, लेकिन कांग्रेस का ये महाधिवेशन भी कहीं चिंता शिविर में न बदल जाए, कांग्रेसियों को इसकी भी चिंता है।

  • 24 से 2024 की तैयारी में कांग्रेस
  • अगले तीन दिन कांग्रेस बनाएगी चुनावी रणनीति
  • उदयपुर चिंतन शिविर के प्रस्ताप पर लगेगी मुहर
  • कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बड़े बदलाव की चिंता

2024 की तैयारी में है कांग्रेस

कांग्रेस नेता 2024 के सपने देख रहे हैं। गठबंधन सरकार बनी तो कांग्रेस नेतृत्व करेगी या 2024 के चुनाव में राहुल गांधी विपक्ष की धुरी होंगे लेकिन यह तभी होगा जब इस साल होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीत दर्ज करे। कांग्रेस इन चुनावों में जीत दर्ज नहीं करती है तो विपक्ष के दूसरे दल उसे भाव नहीं देंगे। उलटे उसे और कमजोर करने की राजनीति की जाएगी। क्योंकि राजनीति कोई सद्भाव का खेल नहीं है। किसी को कांग्रेस के साथ सहानुभूति नहीं नजर आ रही है, अगर कांग्रेस साबित करती है कि उसकी उपयोगिता है और देश के लोग अब भी उसे चाहते हैं तब तो बात हो सकती है। वरना ज्यादातर विपक्षी दल राज्यों में कांग्रेस की जगह लेने के लिए बेचैन नजर आ रही हैं। ऐसे में कांग्रेस को इस साल हो रहे 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव में उसे अपने आप को साबित करना होगा। राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने पर ही कांग्रेस 2024 को लेकर गैर ​एनडीए दलों के साथ मोलभाव कर सकती है। इससे पहले कांग्रेस को इसके लिए साल 2023 के इन चुनावों में बेहतर करना होगा। कम से कम मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को अपने आप को साबित करना होगा।

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जनता के बीच संदेश देने में विफल होती कांग्रेस

सियासी जानकार कहते हैं कि हाल के पिछले चुनावों में कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती ये रही है कि वो अपना संदेश आम जनता या अपने संभावित वोटरों तक पहुंचाने में कामयाब नहीं रही। बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस सोशल मीडिया पर कमजोर है। मीडिया की बहसों में भी पार्टी के मुद्दों को जगह नहीं दी जाती है। हाल के सालों में बीजेपी ने मीडिया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने सियासी नैरेटिव को सेट करने और अपना संदेश लोगों तक पहुंचाने में कामयाबी से किया है। लेकिन कांग्रेस इस मोर्चे पर कमजोर नजर आती रही है।

कांग्रेस के पास पर्याप्त संसाधनों का आभाव

वहीं ये सवाल भी सामने आता है कि करीब 138 साल पुरानी कांग्रेस के पास पर्याप्त संसाधन का आभाव है। पार्टी का संगठन भी कमजोर है। हालांकि कांग्रेसी कहते हैं कि उनकी पार्टी के पास संसाधन मौजूद हैं। देश के कोने-कोने में आज भी कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। देश के हर हिस्से में पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद हैं। हां ये सच बात है कि पिछले कुछ चुनावों में देश के कुछ हिस्सों में पार्टी कमजोर हुई है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि कांग्रेस कार्यकर्ता खत्म हो गए या उनका हौसला समाप्त हो गया है। कांग्रेस के पास संसाधन मौजूद हैं।

उदयपुर चिंतन शिविर में भी नहीं हुआ कुछ खास

पिछले दिनों राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित किया गया था। जिसे नव संकल्प शिविर का नाम दिया गया। इस दौरान पार्टी को फिर से मज़बूत करने की रणनीति बनाई गई थी। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव या 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की कोई रणनीति इस चिंतन शिविर से निकलकर सामने नहीं आई। इस चिंतन शिविर के बाद जहां पार्टी कार्यकर्ता ये कहते फिर रहे हैं कि उनमें जोश भरा है लेकिन विश्लेषकों की माने तो तब भी चिंतन शिविर में कोई ऐसा ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे पार्टी का कायापलट हो जाए या चुनावों में उसकी संभावना मजबूत हो जाए। कांग्रेस की राजनीति पर नजर रखने वालों की माने तो नव संकल्प शिविर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नरेंद्र मोदी सरकार से त्रस्त जनता को कई उम्मीदें थीं। उन्हें लग रहा था कि नई ऊर्जा का संचार होने वाला है। विपक्ष की सक्रिय भूमिका में कांग्रेस सामने आएगी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर असमंजस की जो स्थिति है वो दूर होगी, लेकिन इन बुनियादी मुद्दों पर कोई साफ तस्वीर निकल कर सामने नहीं आई।

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Tags: 85th National Congress of CongressCongress in preparation for 2024Udaipur Chintan Shivir
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