मोदी सरनेम मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिलने के बाद अब लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय की ओर से भी इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें 137 दिन बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो सकी है। सोमवार को दोपहर में राहुल गांधी संसद भी पहुंचे। लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने के बाद विपक्ष के गठबंधन इंडिया के लिए ये नई उर्जा भरा साबित हो सकता है। वहां गठबंधन में कुछ नेता ऐसे भी है जिन्हें शायद राहुल गांधी की सदस्यता बहाली रास न आए। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी की इंडिया का अगला कदम क्या होगा।
- छत्तीसगढ़ के सीएम ने किया ट्वीट
- नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत
- अन्याय के खिलाफ न्याय की जीत
- असत्य के खिलाफ सत्य की जीत
- तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की जीत
- षड्यंत्रों के खिलाफ I.N.D.I.A🇮🇳 की जीत
बता दें राहुल गांधी की सदस्यता बहाली के बाद कांग्रेस में खुशी का माहौल है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेेल ने ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया। सीएम बघेल ने लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना को ट्वीट में साझा करते हुए लिखा कि ऐसी दिखती है। नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत। अन्याय के खिलाफ न्याय की जीत है। ये असत्य के खिलाफ सत्य की जीत है और तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की जीत है। भूपेश ने लिखा कि षड्यंत्रों के खिलाफ I.N.D.I.A की जीत है। राहुल गांधी के माध्यम से संसद में सड़क की आवाज फिर गूंजेगी।
वायनाड की जनता के लिए राहत भरा कदम
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया और कहा कि राहुल गांधी को दोबारा सांसद बनाने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। यह कदम भारत के लोगों और खासकर वायनाड की जनता के लिए राहत भरा है। वहीं उनहोंने कहा बीजेपी और मोदी सरकार को अपने कार्यकाल का जो भी समय शेष है। उसका उपयोग विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के बजाय वास्तविक शासन की ओर ध्यान केंद्रित करके करना चाहिए।
कांग्रेस ने बताया नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत
बता दें सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई थी, हालांकि तब तक राहुल गांधी लोकसभा नहीं पहुंचे थे। इस बीच मणिपुर मुद्दे पर सदन में हंगामा हो गया जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ाी। हालांकि बाद में राहुल गांधी दोपहर में संसद पहुंचे। दरअसल मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी को इसी साल 23 मार्च को गुजरात की निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले 24 मार्च को लोकसभा से सदस्यता भी बहाल कर दी गई थी।
इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने भी सजा बरकरार रखा। राहुल गांधी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए याचिका लगाई। अब 134 दिन बाद चार अगस्त को कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के तुरंत बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात कर उनसे राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया। लोकसभा स्पीकर ने चौधरी से कहा सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद ही वह इस पर फैसला करेंगे। इससे शनिवार को अधीर रंजन ने छुट्टी होने के चलते लोकसभा सचिवालय में डाक के माध्यम से कागज भेजे। अधीर रंजन ने कहा एक अवर सचिव ने कागज रिसीव किए और साइन कर दिए लेकिन मुहर नहीं लगाई थी। वहीं राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होते ही कांग्रेस की ओर से महज 10 मिनट में दो ट्वीट किए। जिसमें पार्टी ने संसद सदस्यता बहाली वाला नोटिफिकेशन शेयर किया और लिखा यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है। इसके बाद दूसरे ट्वीट में अधीर रंजन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मिठाई खिलाते नजर आ रहे हैं।