बिहार में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस की नई रणनीति में राहुल गांधी की सक्रियता दिखाई दे रही है। राहुल गांधी तीसरे बिहार के दौरे पर जाने वाले हैं। राहुल गांधी दलित और अति पिछड़ा वर्ग पर फोकस कर रहे हैं। पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों की दिल्ली में हुई मैराथन बैठक और संगठन मजबूती पर दिया जा रहा जोर इस रणनीति का हिस्सा है।
- दलितों और पिछड़ों पर कांग्रेस की नजर
- बिहार में दलित और महादलित की आबादी 14 प्रतिशत
- अति पिछड़ों की आबादी लगभग 36 प्रतिशत
- दलित,महादलित और अति पिछडों पर कांग्रेस की नजर
- महादलित वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने में जुटी कांग्रेस
- जीतन राम मांझी, चिराग पासवान तथा पशुपति पारस को संदेश
- अति पिछडों के जरिए सीएम नीतीश कुमार को संदेश देने की कोशिश
दरअसल कांग्रेस का लक्ष्य इस साल के चुनावों के लिए संगठन को मजबूत करना है। साथ ही सामाजिक समीकरणों का भी चुनाव में लाभ उठाना है। बिहार में कांग्रेस पार्टी इन दिनों ऊर्जावान नजर आ रही है। पार्टी की ओर से हर दिन कोई न कोई बड़ा निर्णय लिया जा रहा है। जो सियासी सुर्खियां बन रहे हैं। इस सब में राहुल गांधी की विशेष और बढ़ती सक्रियता ने बिहार की राजनीति में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर राहुल गांधी के मन में चल क्या रहा है? वे क्या सोच रहे हैं। राहुल गांधी क्या बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कुछ अलग और बड़ा करने की सोच रहे हैं?
दरअसल अगली सात अप्रैल को राहुल गांधी एक बार फिर बिहार के दौरे पर जा रहे हैं। राहुल गांधी का पिछले चार माह में यह तीसरा बिहार दौरा है। इससे पहले 18 जनवरी और चार फरवरी को राहुल पटना में जा चुके हैं। इस बार वे सात अप्रैल को फिर राजधानी पटना जा रहे हैं। जिसे स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने उनके पटना दौरे को भी संविधान सुरक्षा दिवस का नाम दिया गया है।
जिला अध्यक्षों से की राहुल ने मुलाकात
राहुल गांधी की ओर से कांग्रेस पार्टी के बिहार राज्य के सभी जिला अध्यक्षों के साथ राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में मुलाकात कर गई। दरअसल हाल के कुछ साल की बात करें तो यह पहला अवसर है जब राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्षों से दिल्ली में सीधी मुलाकात करने की योजना बनाई हो। उनके इस कदम से पार्टी में काफी जोश भी नजर आ रहा है। सबसे खास बात यह है कि कांग्रेस की ओर से राज्य के सभी पार्टी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा चंद रोज पहले ही की गयी थी।…प्रकाश कुमार पांडेय