लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्र्ीय अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं। इस दौरान वह असम पहुंचे। असम पहुंचने के बाद जोरदार बवाल हुआ है। यहां पहले राहुल गांधी के साथ धक्का मुक्की की खबरें आईं। फिर मंदिर जाने से रोकने की खबरें आई हैं। जिसके बाद पूरे देश में कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। पूरे देश के सभी जिला कार्यालय में मौन प्रदर्शन किया है।
- लोकसभा चुनाव से पहले गरमाने लगा सियासी मौसम
- कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर सियासत
- राहुल गांधी को असम में मंदिर जाने रोका
- असम के सोनितपुर जिले में न्याय यात्रा हमला
- विरोध में कांग्रेस का पूरे देश में धरना प्रदर्शन
- जिला मुख्यालय के गांधी प्रतिमा के पास मौन धरना
- छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला
- बीजेपी ने किया पलटवार-यात्रा से हमे कोई लेना देना नहीं
बहरहाल लोकसभा चुनाव नजदीक है राहुल गांधी की यात्रा निकल पड़ी है लेकिन जिस तरह से राहुल गांधी की यात्रा को असम में रोका जा रहा है। इसका सीधा सीधा असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। क्योंकि कांग्रेस और भाजपा दोनों एक दूसरे पर हमलावर है। यह एक राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। वहीं कांग्रेस की न्याय यात्रा को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में मंदिर जाने से कथित रूप से रोकने पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। बघेल ने सोशल मीडिया एक्स में लिखा कि असम के लिए निकल रहा हूं। असम के मुख्यमंत्री के लिए लिखा कि हिमंता बिस्वा सरमा डरपोक हैं। इसका अनुभव मैंने असम विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करते हुए ही कर लिया था। इसे लेकर कांग्रेस का कहना है की इस न्याय यात्रा से बीजेपी को डर है कहीं लोकसभा चुनाव हार न जाए। वहीं बीजेपी के छत्तीसगढ प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कहा कांग्रेस लगातार भारतीय जनता पर गैरजरुरी आरोप लगा रही है। आरोप लगा रही है राहुल गांधी के रुक जाने पर असम सरकार के पर कांग्रेस हमलावर है। बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा कहां पहुंची ।इसे हमें कोई मतलब नहीं है।हम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में काम करेंगे और उन्हें 11 कमल के फूल दिलाएंगे।
जीतू पटवारी, उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह ने दिया मौन धरना
मध्यप्रदेश की बात करें तो भोपाल जिला मुख्यालय पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के साथ अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने मौन धरना दिया।इस धरने का कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने असम के मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे अन्याय और लोकतांत्रिक मुल्यों की हत्या के खिलाफ के धरना बताया। वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का कहना था कि राहुल गांधी को मंदिर में जाने से क्यों रोका गया। इसका जनाब न तो असम के सीएम के पास है न ही बीजेपी के पास। वहीं उत्तराखंड की बात करें तो उत्तराखंड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौन धरने के स्थान पर सरकार का पुतला दहन किया। सरकार विरोधी नारे लगाए।
राहुल गांधी के न्याय यात्रा की तो असम के गुवाहाटी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच खुब तनातनी हुई। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेडिंग को हटा दिया और गुवाहाटी शहर में प्रवेश करने की कोशिश की। जिससे पुलिस और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की हुई। पुलिस प्रशासन का कहना था यात्रा शहर में प्रवेश करने पर यातायात व्यवस्था बिगड़ जाती इसलिए यात्रा को शहर से जाने से रोका गया था। उन्हें बाई पास से यात्रा निकालने की अनुमति दी गई थी। जबकि कांग्रेस का कहना था कि इस रास्ते से बजरंग दल और जेपी नड्डा की यात्रा निकाली गई थी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई तनातनी के बाद राहुल गांधी अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बब्बर शेर की संज्ञा दी। साथ ही कहा हमारे कार्यकर्ता अनुसाशित है और कानून का सम्मान करते हैं।