राहुल गांधी का जन्मदिन, अब तक सिफर ही रहा राहुल गांधी का सियासी सफर!

कांग्रेस के बड़े चेहरों में शामिल राहुल गांधी 19 जून को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। राहुल गाधी पिछले कई दिनों से लगातार चर्चा में बने हुए हैं। चाहे राहुल गांधी का बयान हो या फिर संसद की सदस्यता गंवाने का मामला। देश की सियासत के केंद्र में वे बने रहे। बता दें चार बार सांसद चुने जाने के बाद राहुल गांधी को मानहानी के एक मामले में अपनी संसद सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी का अलग अंदाज देखने को मिला था। कांग्रेस उन्हें देश के भावी प्रधानमंत्री के रूप में देख रही है। हालांकि उनका सियासी सफर अब तक सफल नजर नहीं आ रहा है। लेकिन इन तमाम बातों से हठकर वे कभी पंजाब में ट्रक चालकों के साथ चर्चा करते नजर आए तो कभी दिल्ली में मोहब्बत का शरबत पीते नजर आए।

इस तरह रहा सियासी सफर

राहुल गांधी ने 2004 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीते थे। वे अपने पिता राजीव गांधी की पारंपरिक सीट अमेठी से जीत कर संसद पहुंचे। यहां इस चुनाव में राहुल गांधी ने एक लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल कर उन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा था। 2007 में राहुल गांधी को कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी महासचिव नियुक्त किया गया। भारतीय युवा कांग्रेस और कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी महासचिव भी रहे। तो साल 2009 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी से ही फिर चुनावी मैदान में उतरे। इस चुनाव में भी वे भारी अंतर से जीतकर संसद पहुंचे थे। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी की 80 में से 21 लोकसभा सीटें जीती थीं। जिसका श्रेय राहुल गांधी को दिया गया। साल 2009 लोकसभा चुनाव जीतने पर यूपीए की दोबारा केंद्र में सरकार बनी। राहुल गांधी को मानव संसाधन विकास की स्थायी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया।

अमेठी से ही तीसरी बार सांसद चुने गए

साल 2013 में राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। इसके बाद 2014 में लोकसभा चुनाव हुउ तो राहुल गांधी को टक्कर देने के लिए बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी अमेठी से मैदान में उतरीं और पार्टी आम आदमी पार्टी ने कुमार विश्वास को चुनावी मैदान में उतारा। इस त्रिकोणिय जंग के बीच राहुल गांधी तीसरी बार चुनाव जीतने में सफल रहे।

2019 में अमेठी ने हराया

2018 में कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए राहुल गांधी 2019 के आम चुनाव में अमेठी और वायनाड से चुनाव मैदान में उतरे। वायनाड से तो राहुल जीत गए लेकिन यहां अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी की ओर से स्मृति इरानी ने मैदान जीतने में कामयाबी हासिल की। कांग्रेस बुरी तरह से हार गई। पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद को छोड़ दिया।

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