एक दिन पहले यात्रा समाप्त, विपक्षी नेताओं में कोई बड़ा नेता नहीं शामिल, टूट गया राहुल गांधी का सपना

विपक्षी एकता का विचार ध्वस्त

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का समापन एक दिन पहले 29 तारीख को भले हो गया हो, लेकिन आज सोमवार यानी 30 दिसंबर को वह श्रीनगर के शेर-ए- कश्मीर स्टेडियम में बड़ी सभा करना चाहते हैं।  इस मौके पर कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले 23 दलों को शामिल होने के लिए बुलावा भेजा है, लेकिन इन पार्टियों के रुख से लगता है कि कांग्रेस का विपक्षी दलों को एकजुट करने का सपना फिलहाल अधूरा रहने वाला है।

राहुल का सपना टूटा, हौसला लेकिन मजबूत

वैसे, राहुल गांधी ने रैली में गैर-भाजपा दलों के वरिष्ठ नेताओं के शामिल न होने की बात को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की। उन्होंने रविवार 29 जनवरी को प्रेस से बात करते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि विपक्ष के बीच कोई एकता नहीं है या उनमें कोई मतभेद हैं

राहुल को कश्मीर पर पार्टी का स्टैंड पता नहीं

यात्रा की समाप्ति को लेकर कल 29 जनवरी से ही कांग्रेस का मामला कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कल राहुल ने कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया, जिससे वह पहले मना करते आए थे। यात्रा का समापन भी एक दिन पहले ही कर दिया। भद तो तब पिटी जब राहुल ने अनुच्छेद 370 पर पूछे गए सवाल पर जयराम रमेश से मदद मांगी। उसका वीडियो जाहिर तौर पर वायरल होते देर न लगी।

हालांकि, राहुल गांधी ने कहा था कि द्वेष को छोड़ हिंदुस्तान को जुड़ना चाहिए. इस बात ने लोगों के दिल को छुआ है। भारत जोड़ने की यात्रा के समापन पर हमारी पार्टी ने सभी को न्योता दिया है। जो लोग नरेंद्र मोदी के खिलाफ हैं, उन सभी को लामबंद होना चाहिए।

इससे पहले गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) ने बुधवार को आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को सफल बनाने के वास्ते भीड़ जुटाने के लिए कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के भरोसे है।
राहुल इसके साथ ही मीडिया के अपने दोस्तों के जरिए यह माहौल भले बना रहे हैं कि उनकी यात्रा बेहद सफल रही है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनके दावे पर प्रतिदावे भी किए जा रहे हैं। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि राहुल अपना अगला कदम क्या उठाते हैं?
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