राजस्थान कांग्रेस में चल रही आपसी खींचतान के बीच गुरुवार को दिल्ली में स्थित कांग्रेस मुख्यालय हुई कांग्रेस की अहम बैठक के बाद सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सुलह हो गई है। दोनों के बीच बयानबाजी भी बंद हो गई है। बैठक में गहलोत और पायलट के अलावा मंत्रियों ने भी आलाकमान के सामने अपनी बात रखी। इसके बाद सचिन पायलट की नई भूमिका को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।
- पायलट और गहलोत में सुलह
- दिल्ली में बैठक के बाद बंद हुई बयानबाजी
- कांग्रेस में जल्द नई भूमिका में नजर आएंगे पायलट
- खरगे जल्द बनाएंगे ‘टीम 2024’
पार्टी सूत्रों की माने तो खरगे ने पायलट को समायोजित करने का एक फॉर्मूला ढूंढ लिया है। पहले फॉर्मूले के तहत इस बात पर चर्चा हो रही है कि पायलट को सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सीडब्ल्यूसी में सदस्य के तौर पर शामिल किया जा सकता है। उन्हें राज्य की राजनीति में भी विधानसभा चुनाव अभियान समिति के प्रमुख जैसी महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। जिससे वे राज्य की राजनीति को प्रभावित करते रहें।
प्रियंका गांधी वाड्रा पर सबसे ज्यादा फोकस
इस सबसे बीच सबसे ज्यादा फोकस प्रियंका गांधी वाड्रा पर है। वे पार्टी में क्या कोई बड़ी भूमिका निभाएंगी? जिसे लेकर पार्टी सूत्र कहते है कई विकल्पों पर विचार चल रहा है। प्रियंका गांधी को पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने की भी संभावनाओं को तलाश जा रहा है। दरअसल हिमाचल प्रदेश और उसके बाद कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचार और प्रयास के बाद से ही प्रियंका वाड्रा की ओर सबका ध्यान गया है। प्रियंका पर पार्टी की विश्वसनीयता ही नहीं संभावनाएं बढ़ गईं हैं।
अधिवेशन के बाद अब तक नहीं बनी CWC
पिछले दिनों कांग्रेस अधिवेशन में फैसला लिया गया था। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे CWC में सदस्यों को नामित करेंगे लेकि भारत जोड़ो यात्रा, संसद सत्र और कर्नाटक विधानसभा चुनाव के चलते इसमें देरी हुई थी। अब उम्मीद है कि CWC में 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनावी किस्मत को बेहतर बनाने के लिए नेताओं की एक मजबूत कतार नजर आएगी। जिसमें पायलट भी शामिल होंगे।