छत्तीसगढ़ में मौसम के साथ विधानसभा चुनाव की गर्माहट भी महसूस की जाने लगी है।बीजेपी में जहां केन्द्रीय स्तर पर चुनावी रणनीति को लेकर मंथन किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस में सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में पार्टी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर काम कर रही है। इस बीच राजनीतिक दल के नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर दोनों ही पार्टियों के बड़े नेताओं के छत्तीसगढ़ पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया है। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी समन्वयक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रायपुर में बड़ी सभा की थी। अब प्रियंका गांधी बस्तर में होने वाले मातृशक्ति सम्मेलन में शामिल होकर चुनावी शंखनाद करने जा रहीं हैं। इससे पहले 26 फरवरी को भी प्रियंका गांधी ने रायपुर में जनसभा की थी। एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बुलावे पर प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ पहुंच कर बस्तर में आयोजित ‘भरोसे के सम्मेलन’ में शामिल होंगी। सम्मेलन में संभाग के सात जिलों से महिलाएं पहुंच रहीं हैं। साथ ही करीब एक लाख लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है। वहीं सम्मेलन में आदिवासियों के तीज त्योहारों की संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने से संबंधित ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना‘ का भी शुभारंभ किया जाएगा।
चुनावी साल में चुनावी शंखनाद
इस साल विधानसभा चुनाव होना है। बीते चार साल में यह अब तक का बस्तर में सबसे बड़ा सम्मेलन है। इसे कांग्रेस के चुनावी अभियान का शुभारंभ माना जा रहा है। सम्मेलन को भव्य बनाने सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है। सम्मेलन में नेहरू-गांधी परिवार के बस्तर से जुड़े संस्मरणों की फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रदर्शनी लगाने का उद्देश्य आदिवासियों और बस्तर से नेहरू गांधी परिवार के संबंधों के बारे में युवा पीढ़ी को जानकारी देना है। प्रदर्शनी के लिए पुरानी तस्वीरों का संग्रह किया गया है। लालबाग मैदान जहां पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सम्मेलन को संबोधित किया था। उसी स्थल के समीप प्रियंका गांधी के लिए मंच तैयार किया जा रहा है। बता दें 13 मार्च 1955 को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री के तौर पर बस्तर का दौरा किया था। तब यहां तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसे संबोधित करने
पं.नेहरु जगदलपुर आए थे। इसके बाद इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, मेनका गांधी के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी बस्तर आ चुके हैं। प्रदर्शनी में गांधी परिवार के सदस्यों के प्रवास से जुड़ी तस्वीरें पुरानी याद ताजा करेंगी।