पीएम नरेंद्र मोदी भी महाकुंभ में सबसे बड़ी मानव जुटान का हिस्सा बनने जा रहे है। सियासी रणनीतिकारों की माने तो उनकी इस धार्मिक यात्रा की तारीख ऐसे दिन वाली चुनी है कि पीएम की संगम में डुबकी का भाजपा का राजनीतिक पुण्य भी मिल सके। दरअसल पीएम मोदी का प्रयाग दौरा पांच फरवरी को प्रस्तावित है, और इसी दिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान भी होगा। लिहाजा माना जा रहा है कि प्रयाग से ‘इंद्रप्रस्थ’ को साधने की कोशिश भी नजर होगी।
पांच फरवरी की तिथि पर बहुत खास होने वाला है। ऐसे खास मौके को लेकर लोगों के मन में अब सवाल उठता नजर आ रहा है। सवाल उठ रहा है कि आखिर पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाकुंभ में अमृत स्नान की तिथि को न चुनकर पांच फरवरी की ही तारीख को महाकुंभ स्नान के लिए क्यों चुना है। दरअसल पीएम ने महाकुंभ में स्नान के लिए 5 फरवरी को ही क्यों चुना यह भी कम रोचक नहीं है।
- सियासत में उठ रहे सवाल 5 फरवरी को ही क्यों चुना
- आखिर प्रधानमंत्री मोदी ने 5 फरवरी को ही महाकुंभ में क्यों करेंगे स्नान
- 5 फरवरी को है माघ मास की गुप्त नवरात्रि अष्टमी तिथि
- 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए होगा मतदान
- दिल्ली में मतदान…महाकुंभ में पीएम करेंगे पवित्र स्नान
144 साल बाद आए महाकुंभ स्नान में शामिल होने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। हर कोई महाकुंभ में स्नान को लेकर उत्साहित है। हर दिन आम श्रद्धालु से लेकर खास वीवीआईपी भी गंगा, जमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम के तट पर पवित्र स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। सभी श्रद्धालुओं का एक ही मकसद है आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति करना। इस बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महाकुंभ में स्नान के लिए जाने वाले हैं।
5 फरवरी को पीएम मोदी महाकुंभ में स्नान kumbh snan के लिए प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम पर पहुंच रहे हैं। पीएम के कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। ऐसे में आमजन के मन में बड़ा सवाल यह उठ रहता नजर आ रहा है कि आखिर पीएम नरेन्द्र मोदी ने अमृत स्नान की खास तिथि को न चुनकर 5 फरवरी का ही दिन महाकुंभ स्नान के लिए क्यों चुना।
महाकुंभ में स्नान के लिए क्यों खास है 5 फरवरी का दिन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माघ पूर्णिमा और बसंत पंचमी के पावन दिन महाकुंभ में स्नान न करने के बजाए 5 फरवरी को स्नान तय करना इसलिए भी चुना क्योंकि इस खास दिन माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। यह तिथि धार्मिक दृष्टि से बहुत पावन और महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन स्नान और ध्यान के साथ तप करने से विशेष पुण्य मिलता है। धर्मग्रंथों में भी गुप्त नवरात्रि की यह तिथि पूजा और अनुष्ठान के लिए बहुत अच्छी मानी गई है।
धर्म शास्त्रों में उल्लेखित है कि माघ माह की अष्टमी तिथि के दिन पवित्र नदी के जल में स्नान करने के बाद पितरों को जल, तिल और अक्षत के साथ फल अर्पित करने से माना जाता है कि पितरों को सद्गति प्राप्त होती है। इसके साथ ही जातक के मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है। यही वजह है कि माघ मास की गुप्त नवरात्रि की इस अष्टमी तिथि शुभ माना जाता है।
कई हस्तियां कर चुकी हैं महाकुंभ में स्नान
भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर अब तक कई प्रसिद्ध हस्तियां महाकुंभ में स्नान कर चुकी है। जिनमें सुधा मूर्ति, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, देश के प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी के साथ बीजेपी के सांसद रवि किशन, आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु महाराज, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर, कवि कुमार विश्वास समेत कई दिग्गज पवित्र संगम स्न्नान कर चुके हैं।
प्रकाश कुमार पांडेय