प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलास के दर्शन किये। साथ ही पार्वती कुंड के दर्शन कर पूजा-अर्चना की इसके बाद पीएम मोदी जागेश्वर धाम पहुंचे और वहां भी दर्शन किये।
- पिथौरागढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- उत्तराखंडी वेशभूषा में नजर आए पीएम मोदी
- पार्वती कुंड में पीएम नरेंद्र मोदी ने की पूजा
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी साथ रहे मौजूद
- ITBP और BRO कर्मियों से भी मिले पीएम मोदी
- गूंजी गांव पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- BRO, ITBP के जवानों से की पीएम ने मुलाकात
- 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बसा है गूंजी गांव
पीएम नरेन्द्र मोदी भारत-चीन और नेपाल बार्डर पर गुंजी से अल्मोड़ाा के जागेश्वर के लिए रवाना हुए। भारत-चीन और नेपाल बार्डर पर पिथौरागढ़ जिले में स्थित गुंजी में ग्रामीणों से भी पीएम ने मुलाकात की। पीएम ने मिलने के बाद अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर धाम के लिए रवाना हो गए। वहीं गुंजी में ग्रामीणों के बनाए स्थानीय उत्पादों की पीएम मोदी ने जमकर तारीफ भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय लोगों के साथ ढोल बजाते नजर आए। उन्होंने स्टॉलों का भी निरीक्षण कर स्थानीय स्तर पर होने वाले उत्पादों की जानकारी हासिल की। वहीं पीएम ने आईटीबीपी के जवानों से भी बातचीत की।
- सीसीटीवी कैमरों से रखी क्षेत्र पर नजर
- पीएम की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
- सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस का कड़ा पहरा
- चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात
- पीएम की सुरक्षा में 1200 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात
- जनसभा में पुलिस ने 15 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए
- भारत-चीन सीमा पर आसमान से भी रही नजर
- धरती के साथ ही आसमान से भी रखी नजर
- भारत-चीन सीमा पर पहली बार पहुंचे प्रधानमंत्री
- सुरक्षा बलों ने धरती के साथ ही आसमान से भी रखी नजर
- ज्योलिंगकोंग में वायुसेना की टीम ने डाला डेरा
- समुद्रतल से 15 हजार से अधिक ऊंचाई पर है ज्योलिंगकोंग
गुंजी में ग्रामीणों से की मुलाकात
पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर स्थित पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव का दौरा किया। इस दौरान पीएम ने स्थानीय ग्रामीणों से भी मुलाकात की और उन्होंने पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बजाए। इस मौके पर पीएम मोदी ने ग्रामीणों के द्वारा बनाए गए स्थानीय उत्पादों की भी सराहना की।
पिथौरागढ़ से हो सकेंगे कैलाश पर्वत के दर्शन
भगवान शिव का घर कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की आवश्यकता नहीं क्योंकि अब भारत से दर्शन ही हो सकेंगे। इसके लिए आपको उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जाना होगा। जहां जिले की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। इस स्थान से पर्वत की हवाई दूरी तहज 50 किलोमीटर है। इस नए दर्शन मार्ग की खोज वहां स्थानीय ग्रामीणों ने की है। ग्रामीणों की सूचना पर ही अफसरों और विशेषज्ञों की टीम मौके पर पहुंची और रोड मैप के साथ लोगों के ठहरने की व्यवस्था दर्शन के पॉइंट तक जाने के मार्ग सहित दूसरी व्यवस्थाओं के लिए सर्वे भी किया। ये अधिकारी जल्द ही अपनी रिपोर्ट पर्यटन मंत्रालय को सौंपेंगे। इसके बाद इस नए स्थान से दर्शन के काम शुरू हो जाएगा। वहीं पर्यटन विभाग की माने तो ओल्ड लिपुलेख पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। हालांकि ये आसान तो नहीं है। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए भी रास्ता बनाया जा सकता है। साथ ही स्नो स्कूटर की मदद से भी श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए पहाड़ी की चोटी पर पहुंचाया जा सकता है। स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि पिथौरागढ़ के ही ज्योलिंगकांग से 25 किलोमीटर ऊपर लिंपियाधूरा चोटी से भी कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकते हैं।