राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ता पश्चिम बंगाल…जल्द केन्द्र सरकार को ये रिपोर्ट सौंपेंगे गर्वनर
बंगाल में राष्ट्रपति शासन को लेकर मच गया बवाल
पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ भड़की हिंसा की पूरे भारत में निंदा हो रही है बल्कि इस पर राजनीति भी जमकर हो रही है। बीजेपी ने मुर्शिदाबाद में बीजेपी ने हिंदुओं के साथ हुए अत्याचार को मुद्दा बना लिया है। पश्चिम बंगाल से हिंदुओं के पलायन को भाजपा ने मुद्दा बना लिया है। सीधे भाजपा ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर डाली है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर याचिका दायर की गई है।
- राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ता प.बंगाल..!
- वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिमों के साथ खड़ी ममता बनर्जी
- बीजेपी का आरोप—बंगाल में हिन्दुओं पर हो रहा अत्यचार
- बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है
किसी प्रदेश का शासन प्रमुख अर्थात राज्यपाल स्वयं ट्रेन से यात्रा कर राज्य में किसी घटनास्थल पर पहुंचे और एक पुलिस अधिकारी की भांती घटनास्थल पर पीड़ितों के बयान ले और स्वयं उसी जगह यह घोषण भी कर दें कि वे राष्ट्रपति जी को जल्द ही इसकी रिपोर्ट भेजेंगे। इसका सीधा सा तात्पर्य तो यही निकालता है कि यह गैर भाजपा शासित राज्य है और अब यहां अगले कुछ ही दिनों में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है। अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव राष्ट्रपति शासन के बीच कराये जाएंगे।
जी हां हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल की ही है। जहां मुर्शिदाबाद में हुए हिंसा और हादसे की जांच करने स्वयं राज्यपाल ट्रेन से सफर करते हुए मौके पर पहुंचे। अब यह प्रबल संभावना जताई जा रही है कि संभवत अगले कुछ ही दिनों में राज्यपाल की अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति और केन्द्र सरकार को भेजने वाले हैं जिसके आधार पर पश्चिम बंगाल की सरकार को बर्खास्त कर वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
यहां यह याद रखना होगा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की ममता सरकार एक लम्बे समय से केन्द्र की मोदी सरकार की आंख की किरकिरी बनी हुई है। मोदी जी और उनकी भाजपा के लिए परेशानी की वजह बनी हुई है। इसलिए मोदी सरकार लम्बे समय से बंगाल सरकार के खिलाफ वैधानिक और संवैधानिक वजह की तलाश में रही है। जिनके आधार पर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सके।
अब मुर्शिदाबाद में घटी घटना ने ममता विरोधियों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला दी है। राज्यपाल के तुरंत-फुरत दौरे और उनकी रिपोर्ट के बाद अब पश्चिम बंगाल में कभी भी टीएमसी की ममता सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन की घोषणा की जा सकती है। जबकि इस हिंसा ग्रस्त इस राज्य में अगले साल 2026 में विधानसभा चुनाव होना है। बीजेपी पंश्चिम बंगाल पर भी अपना वर्चस्व कागम करना चाहती है।
अब देश के विभिन्न हिस्सों में जो कुछ भी घटना होती है। वह सबसे अहम चिंता का विषय है। साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडू में उत्तर-दक्षिण की दरारें गहरा रही है। वहीं मुर्शिदाबाद के बाद पश्चिम बंगाल में साम्रदायिक ध्रुवीकरण की आशंका बढ़ रही है। यह दोनों ही परिदृश्य देश की भावी राजनीति के लिए खासे चिंताजनक बने हुए हैं।…प्रकाश कुमार पांडेय