महाकुंभ सनातन परंपरा का सबसे बड़ा समागम है। इस बार 2025 में संगमनगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन होने जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं महाकुंभ की तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं। दिव्य भव्य महाकुंभ की परिकल्पना सीएम ने की है। जिसके चलते संगम की रेती पर कुंभ नगरी के रूप में आकार ले रही है। इस दिशा में सनातन संस्कृति ध्वजवाहक साधु और संन्यासियों के अखाड़ों को पर्याप्त सुविधा और भूमि आवंटन की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है।
प्रयागराज संगम की रेती में लगने वाला महाकुंभ 2025 की तैयारी तेज तेज हो गई है। सोमवार को प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ मेला 2025 की तैयारी में साधु और संतों ने प्रशासन से जमीन और सुविधा बढ़ाने की मांग की थी।
- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक
- प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई बैठक
- कुंभ मेला क्षेत्र में जमीन का आवंटन का आगाज
- कुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचे साधु संत ने बनाई आपसी सहमति
- साधु संतों ने जमीन और सुविधा बढ़ाने की रखी थी मांग
- मेला प्रशासन ने अखाड़े के संतों की मांगें मानी
- अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पूरी की अध्यक्षता में बैठक
- पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में हुई बैठक
इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एक बैठक श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़े में संपन्न हुई। जहां 10 अखाड़े शामिल हुए। पिछले विवाद हुऐ मामले को भुलाकर सभी लोगों ने आपसी सहमति बनाते हुए जमीन आवंटन की लिए पहुंचे। अखाड़ा परिषद की बैठक में अपर मेला अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
प्रयागराज के झूंसी इलाके में अखाड़े को बसाया जाएगा। इसे लेकर सहमति बन गई है। इसी क्रम में अखाड़ा के संत महात्माओं के साथ मेला प्रशासन ने सभी की अखाड़ा परिषद को जमीन को दिखाया। साथ ही अब बाकी बचे अखाड़े को जमीन आवंटित की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
मकर संक्रांति के मौके पर शाही स्नान
बता दें महाकुंभ का आगाज अगले साल 2025 में 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के मौके पर होगा। इसके अगले ही दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर शाही स्नान किया जाएगा। कुंभ में जमीन और सुविधा के लिए मेला प्रशासन ने आनलाइन पंजीकरण शुरू किया है। जमीन और सुविधा के लिए आनलाइन आवेदन के बाद अब भूमि आवंटन का काम शुरू किया गया है। सबसे पहले अखाड़ों को भूमि आवंटन की गई।
(प्रकाश कुमार पांडेय)