बिहार विधानसभा चुनाव: बदलाव की खातिर फिर राज्य के दौरे पर निकलेंगे प्रशांत किशोर, PK ने कही ये बड़ी बात…!
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर बिहार में बदलाव लाने की बात हर मंच से कर रहे हैं। जन सुराज की पटना में हुई ‘बदलाव रैली’ तो फ्लॉप हो गई है। अब पीके की ‘बिहार बदलाव यात्रा’ का असर देखा जाना बचा है।
- असफल रही पीके की पटना रैली
- जन सुराज यात्रा के बाद रैली में नहीं जुटी भीड़
- अब बिहार बदलाव यात्रा करेंगे प्रशांत किशोर
वैसे तो प्रशांत किशोर के साथ पहले सब ठीक ही चल रहा था। बिहार की चार सीट पर उपचनावों में भी उनकी पार्टी का प्रदर्शन ठीक ठाक ही रहा। उपचुनाव के मैदान में पहली बार उतरते ही दस फीसदी वोट मिले, इससे अधिक और भला क्या चाहिये।
बीपीएससी छात्रोंं के आंदोलन के दौरान प्रशांत किशोर अब एक मोड़ पर पहुंचने के बाद फंस जरूर गये थे।हालांकि निकलने का सम्मानजनक रास्ता भी निकाल ही लिया था। अब यह बात अलग है कि राजधानी पटना में बदलाव रैली में चूक गये। चूक के लिए प्रशांत किशोर अकेले जिम्मेदार नहीं हैं। हर दल के नेता ऐसी जिम्मेदारियों से बचाने की कोशिश होती रहती है। वैसे भी इस तरह की जिम्मेदारियां अकेले की कैसे हो सकती है। यह टीम वर्क की वजह से ही होती है।
गांधी मैदान में ‘बिहार बदलाव रैली’ का आयोजन
अब पटना के गांधी मैदान में आयोजित जन सुराज पार्टी की ‘बिहार बदलाव रैली’ का आयोजन होगा। बहरहाल प्रशांत किशोर ने अपना जज्बा तो दिखा ही दिया है। जब किसी रैली की भीड़ मतों में तब्दील नहीं होती, तो इसे फ्लॉप रैली ही कहा जाएगा। हांलांकि रैलियों की भीड़ से लोगों में परसेप्शन जरुर बनता है। लोगों में उत्साह भी बढ़ता है। खासतौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह तो बढ़ता ही है। पटना की रैली में प्रशांत किशोर ने स्थानीय प्रशासन पर इसका ठीकरा फोड़ा है। नीतीश कुमार के साथ ही लालू यादव ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पीके ने निशाने पर लिया।
PK की बदलाव रैली और यात्रा
बिहार की राजधानी पटना में आयोजित रैली के दौरान मंच पर प्रशांत किशोर भी करीब पौने चार घंटे देरी से पहुंचे थे। कहा जाता है कि भीड़ न जुटने की स्थिति में नेता इस तरह का व्यवहार अक्सर करते हैं। कई बार तो रैलियां ही रद्द कर दी जाती हैं। लेकिन पीके ने पटना की रैली को रद्द नहीं किया। शायद उन्होंने अच्छा किया, रैली रद्द करनी भी नहीं चाहिये थी। जिससे लोगों में मैसेज बहुत निगेटिव जाता। अब जनसुराज पार्टी की ओर से दावा किया गया था कि पटना की रैली ऐतिहासिक होगी। बिहार में बदलाव की नींव रखी जाएगी। नाम भी बदलाव रैली ही रखा, लेकिन पहले पांच और फिर दस लाख लोगों के रैली में शामिल होने का दावा किया जा रहा था। पीके ने मंच से ही घोषणा भी कर दी कि 10 दिन बाद वे यहीं से ‘बिहार बदलाव यात्रा’ पर निकलेंगे। उन्होंने कहा आपके गांव-घर आऊंगा। बिहार में बदलाव की आंधी को अब कोई रोक नहीं सकता। …प्रकाश कुमार पांडेय