महाकुंभ में लगा एक पोस्टर चर्चा में है। जिस पर सियासत गरमा रही है। क्या है उस पोस्टर में क्यों चर्चा में है ये पोस्टर और क्यो हो रही है सियासत। यूपी के प्रयागराज में जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ से पहले राजनीतिक और धार्मिक नारों की गूंज एक बार फिर सुनाई दे रही है।
- महाकुंभ से पहले पोस्टरबाजी…!
- गलियारों में गूंजा नारा…हलचल तेज
- राजनीतिक और धार्मिक नारों की गूंज
- “डरेंगे तो मरेंगे” के लगे पोस्टर
- पोस्टर को लेकर बढ़ सकता है विवाद
- संतों के बीच ये नारा चर्चा का केंद्र…!
- महाकुंभ से पहले पोस्टबाजी
- ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के बाद अब नया पोस्टर लगा
- महाकुंभ से पहले लगे ‘डरेंगे तो मरेंगे’ के होर्डिंग
- जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य ने लगवाए पोस्टर
- नागावासुकी मंदिर के सामने लगवाए गए पोस्टर
- पोस्टर में लिखा- हिन्दुओं में एकता हो
- पोस्टर में लिखा- वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है
- पोस्टर में लिखा- धर्मनिरपेक्ष देश में यह कैसी छूट है?
हाल ही में महाकुंभ क्षेत्र में “डरेंगे तो मरेंगे” लिखे पोस्टर नजर आए। जिनके जरिए नए सियासी विवाद के आसार बन रहे हैं। महाकुंभ क्षेत्र में लगे इन पोस्टरों को लेकर संत समाज और राजनेताओं के बीच विवाद बढ़ने की संभावना है। आज इसी मुद्दे पर करेंगे चर्चा।
यूपी में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के बाद अब नया पोस्टर सामने आया है। प्रयागराज में महाकुंभ से पहले ‘डरेंगे तो मरेंगे’ के होर्डिंग लग गए हैं। ये होर्डिंग जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य की ओर से नागावासुकी मंदिर के सामने लगवाए गए हैं। वहीं, दूसरे पोस्टर में सभी हिन्दुओं में एकता हो, वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है, धर्मनिरपेक्ष देश में यह कैसी छूट है? लिखा गया है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेन्द्राचार्य की ओर से लगवाए गए होर्डिंग के बैकग्राउंड में बंद मुट्ठी वाली तस्वीर की परछाई दिख रही है। इसके जरिए सनातन धर्मियों को एकजुट होने की नसीहत दी गई है। महाकुंभ के दौरान संतों के बीच यह नारा चर्चा का केंद्र बन सकता है। पोस्टरों के जरिए यह संदेश दिया गया है कि भय से ग्रसित होकर जीने का कोई विकल्प नहीं है लेकिन सियासी विश्लेषकों का मानना है कि यह नारा राजनीतिक हलकों में भी बहस छेड़ सकता है।
प्रयागराज महाकुंभ से पहले राजनीतिक और धार्मिक नारों की संगम की रेती पर गूंज एक बार फिर सुनाई दे रही है। महाकुंभ क्षेत्र में अब “डरेंगे तो मरेंगे” लिखे पोस्टर नजर आ रहे हैं। इन पोस्टर के जरिए नए सियासी विवाद के आसार भी महाकुंभ से पहले बन रहे हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगे इन पोस्टरों को लेकर संत समाज के साथ ही राजनेताओं के बीच भी विवाद बढ़ने की संभावना है। बता दें इससे पहले
मुसलमानों के प्रयागराज महाकुंभ में प्रवेश पर पाबंदी लगाने को लेकर जमकर विवाद हुआ था।
और अत में….
पन्नू जैसे सैंकड़ों पागल देखे हैं…पीट-पीटकर भगा देंगे
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से दी गई कथित तौर पर महाकुम्भ को निशाना बनाने की धमकी को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर सेने तीखी प्रतिक्रिया दी गई है। अखाड़ा परिषद ने पन्नू के बयान को समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश करार दिया है। बता दें पीलीभीत में यूपी और पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकी मारे गए थे। इस मुठभेड़ के बाद ही महाकुम्भ में शाही स्नान तिथियों को बाधित करने की धमकी देने वाला एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। दावा किया जा रहा है कि इस वीडियो में खालिस्तान समर्थक पन्नू की आवाज है। महाकुम्भ नगर में अभा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा “पन्नू नाम का जो भी व्यक्ति है,अगर कहीं ये हमारे महाकुम्भ में घुसने की हिम्मत करता है तो इसे मार-मारकर भगा दिया जाएगा। हमने ऐसे पागलों को सैकड़ों की संख्या में देखा है। यह माघ मेला है। यहां पर सिख और हिंदू सभी एक हैं। पन्नू ने सिख और हिन्दूओं में आपस में विभाजन कराने वाली जो भी बात की हैं, वे कतई उचित नहीं है। सिख समाज वो है जिसने सनातन धर्म को बचाए रखा है। पन्नू की ओर से विभाजन को बढ़ावा देने की कोशिशें बेबुनियाद हैं। हमारे नागा साधुओं की तरह उनके सिखों के भी नागा साधु होते हैं। यह दोनों एक ही हैं। जो सनातन के सैनिक हैं।
प्रकाश कुमार पांडेय