महाराष्ट्र में मदरसा शिक्षकों के वेतन पर सियासत…विपक्ष ने बताया चुनावी शिगूफा
महाराष्ट्र में नवंबर दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होना हैं। ऐसे में चुनाव से पहले सियासत गरमा गई है। वहीं जनता को बंपर गिफ्ट बांटे भी जा रहे हैं। महाराष्ट्र में गठबंधन वाली शिंदे सरकार ने अब मदरसे के टीचरों की सैलरी दो गुना से ज्यादा बढ़ा दी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिये गये इस फैसले पर सियासत शुरू हो चुकी है। विपक्ष दल उद्धव ठाकरे की शिवसेना कहती है यही काम अगर वो करती तो उसे वोट जेहाद बताया जाता।
- महाराष्ट्र में मदरसा शिक्षकों के वेतन पर सियासत
- महाराष्ट्र सरकार ने मदरसा शिक्षकों का बढ़ाया वेतन
- 6000 से बढ़ाकर किया 16000 हजार वेतन
- मदरसा शिक्षकों का वेतन बढ़ने के साथ बढ़ा सियासी पारा
- शिवसेना यूबीटी ने लगाया वोट जिहाद का आरोप
- मदरसा पर मेहरबानी क्यों
- महाराष्ट्र चुनाव..बीजेपी का दांव
महाराष्ट्र में अगले महीने नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने की संभावना है। इससे पहले राज्य की सियासत में पारा गरमा गया है। दरअसल राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार की ओर से राज्य के मदरसों में तैनात शिक्षकों का वेतन बढ़ाने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत डीएड शिक्षकों को छह हजार रुपये से मासिक से बढ़ाकर 16 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाएगा। जबकि माध्यमिक स्तर पर बीएड और बीएससी-बीएड योग्यता वाले मदरसा शिक्षकों को भी आठ हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा।
महाराष्ट्र चुनाव से पहले लिए गए इस तरह के फैसले पर अब सियासी सवाल भी उठ रहे हैं। उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना सवाल कर रही है कि क्या यह वोट जेहाद नहीं है। वहीं कांग्रेस इसे कोरा चुनावी शिगूफा बता रही है इस फैसले को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता शिवम त्यागी का कहना है कि सभी को मॉडर्न एजुकेशन की आवश्यकता है। जैसा पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि एक हाथ में कंप्यूटर तो एक हाथ में कुरान हो। यह बेहतर है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा मदरसों में सिर्फ दीन की ही तालीम दी जाती है। लेकिन सरकार चाहते हैं कि बच्चों को इसके साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाए, बच्चे मदरसे में गणित, साइंस और इंग्लिश भी पढ़ें। इसके लिए जो बजट जारी किया गया है, उसका एजेंडा सिर्फ इतना है कि मरदसों में फॉर्मल एजुकेशन दी जानी चाहिए। बीजेपी की ओर से कहा गया है कि इसमें हिंदू-मुस्लिम करने की आवश्यकता नहीं है, जो छात्र सिर्फ दीन की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें दूसरे आधुनिक विषय भी पढ़ना चाहिए। इसमें जो वोट देख रहे हैं ये अलग बात है।
इसी तरह शिवसेना यूबीटी के नेता संजय गुप्ता की ओर से कहा गया है कि चुनाव से पहले इन्हें मौलाना याद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कहीं तो बीजेपी मदरसों पर ताला लगा रही है, बंद करा रही है। लेकिन महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ाा था वहां बीजेपी ये हथकंडे अपना रही है। इसके लिए बजट कहां से लाया जाएगा। हिंदुत्व की राजनीति में सभी लोग वीर सावरकर को मानते हैं।