महाराष्ट्र के सियासी घमासान में ‘माफिया’ की एंट्री….संकट में उद्धव गुट के ये नेता… माफिया डॉन दाउद के गुर्गे के साथ लगाए थे ठुमके

Political turmoil in Maharashtra

महाराष्ट्र के बीजेपी नेता नितेश राणे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकुर और शिवसेना यूटीबी के नेताओं को आतंकियों के साथ कथित करीबी संबंधों को लेकर भी कठघरे में खड़ा किया है। इसके बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। बीजेपी नेता के बयान पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि यदि जांच करना चाहे हैं तो आप जांच करते रहिए।

बता दें महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना मंत्री दादाजी भुसे ने यह आरोप लगाते हुए इसे राष्ट्रविरोधी कृत्य बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। वहीं बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने कहा है कि इस पूरे मामले की गहन जांच की जानी चाहिए। बडगुजर को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यह एक गंभीर मामला है जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। इस सियासत में उस समय तड़का लगा जब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उस विशेष पार्टी की जांच एसआईटी से कराने की घोषणा की है। इस पार्टी में गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहयोगी रहे और 1993 के मुंबई बम विस्फोट के आरोपी रहे सलीम कुट्टा के साथ नासिक शिव सेना यूबीटी नेता सुधाकर बडगुजर कथित तौर पर एक साथ डांस करते दिख रहे हैं।

बीजेपी विधायक नितेश राणे ने सूचना के जरिए इस मुद्दे को उठाया। जिसमें विशेष पार्टी में डांस करते हुए बडगुजर और सलीम की तस्वीर दिखाई दे रही है।। राणे ने यह भी कहा किउनके पास इस पार्टी का एक वीडियो भी है। बता दें सलीम कुट्टा इस समय पैरोल पर बाहर हैं जो उद्धव ठाकरे के दल के नेता के साथ पार्टी करते दिखाई दे रहा है।

वहीं संजय राउत ने पलटवार करते हुए मीडिया से चर्चा के दौरान कहा आप एसआईटी बना सकते हैं। हर जगह एसआईटी बरस रही है। जबकि उनकी ओर से बनाई गई एसआईटी को खारिज कर दिया था। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के दौरन इससे भी गंभीर मसलों पर तीन एसआईटी गठित की गई थी। लेकिन इन एसआईटी को रद्द कर दिया था। दरअसल यह एक गहरी राजनीति है। हर मुद्दे पर बस राजनीति ही चल रही है। उन्होंने कहा नासिक के ड्रग माफिया ललित पाटिल का कैबिनेट के दो मंत्रियों के साथ सीधा संबंध है और यह उस मुद्दे से सबको ध्यान भटकाने की कोशिश है।
जांच से पहले ललित पाटिल और दो कैबिनेट मंत्रियों के बीच धन के लेन देन की भी जांच के लिए एसआईटी का गठन करें। इस मामले में यदि पहले से ही एसआईटी गठित है तो उन दोनों मंत्रियों के त्याग पत्र सामने लाएं।

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