चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि भू-राजनीतिक व्यवस्था में हो रहे बदलावों के हिसाब से राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति बनायी जानी चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा का उद्देश्य तमाम बदलावों और उनके साथ आने वाली चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकेगा और अवसरों का सदुपयोग किया जाएगा। यह जानकारी सीडीएस ने शुक्रवार को राजधानी में आयोजित किए गए डीआरडीओ डॉयरेक्टर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए दी।
चुनौतियों का मुकाबला
उन्होंने उभरती हुई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए प्रदर्शन, परिवर्तन, सूचना और उसके अनुरूप होने की आवश्यकता पर जोर दिया। तीनों सशस्त्र सेनाओं के एकीकरण को लेकर जनरल चौहान ने कहा कि इस बाबत थियेटराइजेशन की आवश्यकता है। तकनीक और युद्ध कौशल में श्रेष्ठता आज के समय की जरूरत है और भारतीय सेनाएं इसमें जीत हासिल करने के लिए नई तकनीक में निवेश कर रही हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में थियेटराइजेशन की अवधारणा एक बुनियादी बदलाव है जो आगे बढ़ रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि यह सबसे महत्वाकांक्षी बदलावों में से एक है।
दूरगामी प्रभाव
जिसके आजादी के बाद दूरगामी प्रभाव पड़े हैं। इसमें संघर्ष के पूरे परिदृश्य के साथ प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए त्रि-सेवा थियेटर विशिष्ट सेवाओं का निर्माण शामिल है। भौतिक क्षेत्र में एकीकरण का उद्देश्य गुणक प्रभाव प्राप्त करना है। क्योंकि ये युद्ध लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए एकीकृत प्रक्रियाओं और संरचनाओं के माध्यम से सेवाओं की अनूठी क्षमताओं को जोड़ता है।