18वीं लोकसभा के गठन के बाद अब मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। लोकसभा का बजट सत्र 22 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी। इससे पहले निर्मला सीतारमण ने इसी साल 1 फरवरी को संसद में अंतरिम बजट पेश किया था।
- बजट सत्र 22 जुलाई से होकर 12 अगस्त तक चलेगा
- 23 जुलाई को पेश हो एनडीए सरकार का पहला पूर्ण बजट
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट
गौरतलब है कि बजट में 100-दिवसीय योजना के तत्व भी शामिल किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अधिकारियों की टीम को तैयार करने के लिए कहा था। ऐसे माना जा रहा है, कि इस इनपुट का इस्तेमाल कर अगले 12 महीनों के लिए एजेंडा निर्धारित किया जाएगा। इसके अलावा बजट में कुछ ऐसे प्रावधान भी शामिल किये जा सकते हैं, जो भारत के विकसित भारत लक्ष्य को दर्शायेंगे।
आम बजट की खास बातें
- संसद में सातवां बजट होगा पेश
- बजट सत्र 22 जुलाई से होगा शुरू
- केंद्रीय बजट 23 जुलाई को होगा पेश
- 12 अगस्त तक चलेगा 18वी लोकसभा का दूसरा सत्र
- निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज होगा अनोखा रिकार्ड
- बजट सत्र में विपक्ष मजबूत
- सदन में नजर आएगी विपक्ष की एकजुटता
- इस बार एनडीए की सरकार
- टैक्स में राहत और किसानों पर फोकस
- भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कम नहीं चुनौतियां
- मिडिल क्लास को लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान
- चुनाव में छिटक गया था बीजेपी से मिडिल क्लास
- बजट में मिल सकती है करदाताओं को राहत
निर्मला सीतारमण के नाम अनोखा रिकार्ड
- निर्मला सीतारमण मोदी सरकार का पूर्ण बजट करेंगी पेश
- 7वीं बार बजट पेश करेंगे निर्मला सीतारमण
- अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम करेगी निर्मला सीतारमण
- निर्मला सीतारमण तोड़ेंगी मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई को संसद में बजट पेश करते ही लगातार 7वीं बार ऐसा करने वाली देश की पहली वित्तमंत्री बन जाएंगी। इससे पहले लगातार छह बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम दर्ज है। हालांकि मोरारजी ने लोकसभा में सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया है। उनके बाद पी.चिदंबरम फिर प्रणब मुखर्जी ने 9 बार बजट पेश किया। यशवंत राव चव्हाण, सीडी देशमुख और यशवंत सिन्हा ने 7 बार बजट पेश किया। मनमोहन सिंह, टी. कृष्णमचारी और मोरारजी देसाई ने भी छह बार बजट पेश किया था।
करदाता को को राहत की उम्मीद
केंद्रीय बजट 2024 से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वित्त मंत्री मोदी 3.0 सरकार के तहत टैक्सपेयर्स के लिए कुछ लाभो की घोषणा कर सकती है। बजट मिडिल क्लास को टैक्स में छूट देने के साथ महिला सशक्तिकरण और किसानों की आय बढ़ाने के साथ रोजगार पर फोकस होगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट बढ़ाई जा सकती है। डिफेंस के साथ रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी सरकार कई घोषणाएं हो सकती है। स्टार्टअप पर लगने वाले एंजल टैक्स को सरकार कम करने पर विचार कर सकती है।
मिडिल क्लास को लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान
लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजों ने मोदी सरकार को चिंता में डाल दिया है। ऐसा ट्रेंड देखा गया है कि इस बार चुनाव में मिडिल क्लास का वोट भी पार्टी से छिटका गया था। ऐसे में इस बार आम आदमी को टैक्स में राहत दी जा सकती है। हालांकि इसे लेकर कोई औपचारिक ऐलान नही किया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि बड़ी राहत मिल सकती है। इसके अलावा हेल्थ इंडस्टी सहित बड़ी स्कीमों के ऐलान और देवाओं के सस्ते होने की उम्मीद भी कर रही है।
इस बार विपक्ष मजबूत
18वीं लोकसभा चुनाव के बाद इस बार विपक्ष मजबूत बनकर उभरा है। लोकसभा के पिछले सत्र में विपक्ष ने अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराई थी। इस बार बजट सत्र में भी विपक्ष सत्तापक्ष के प्रति और अधिक हमलावर नजर आ सकता है। विपक्ष अपने हमलावर रवैये के जरिये यही दिखाना चाहेगा कि वह लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार का डटकर सामना करने के लिए तैयार है। स्पष्ट संदेश यह है कि इसका असर संसद के कामकाज पर भी पड़ने की आशंका बनी हुई हैं। इसके नतीजे में संसद में अच्छा-खासा हंगामा देखने को मिल सकता है। हालांकि बजट सत्र के पहले सर्वदलीय बैठक के जरिए पक्ष-विपक्ष के बीच सत्र चलाने को लेकर चर्चा हो सकती है,लेकिन अतीत का अनुभव यही बताता है, कि इस तरह की सहमतियों का कोई मूल्य-महत्व नहीं रह गया है। इसके चलते संसद के बाहर ही नहीं, संसद के भीतर भी विरोध के लिए विरोध वाली राजनीति ही अधिक देखने को मिलेगी। इस नकारात्मक राजनीति के चलते ही संसद में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी कोई सार्थक चर्चा मुश्किल से ही देखने को मिलती है।