पीएम मोदी ने क्यों ली मुख्यमंत्रियों की क्लास?

विकास की गति धीमी नहीं होने देने को कहा

कर्नाटक चुनाव में भाजपा मिली हार से पूरी पार्टी में हड़कंप मचा हुई। भाजपा हाई कमान अब आगे कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फीड बैक ले रहे हैं। बीते रविवार को तमाम व्यस्तता के बाद भी पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक ली। नये संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर भाजपा के सभी मुख्यमंत्री दिल्ली में थे। कर्नाटक चुनाव में हाल ही सत्ता गंवाने के बाद भाजपा हाईकमान अलर्ट मॉड पर है। इस साल मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ और तेलंगाना में चुनाव है जबकि अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है।

ये मुख्यमंत्री रहे मौजूद

भाजपा मुख्यालय में हुई मुख्यमंत्री परिषद की इस बैठक की गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि सुबह से ही नये संसद भवन के उद्घाटन से जुडे कार्यक्रमों में लगातार व्यस्त रहने के बाद प्रधानमंत्री मोदी दोपहर बाद हुई इस बैठक में पहुंचे और हर राज्य पर फीडबैक लिया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल,असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस के अलावा भाजपा के सभी अन्य मुख्यमंत्री भी बैठक में उपस्थित रहे।

विकास की गति धीमी नहीं होने देने को कहा

सूत्रों के अनुसार कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा हाईकमान कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है। इस साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां भाजपा हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है ताकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विजय के शंखनाद के साथ पार्टी मैदान में उतर सके। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से स्पष्ट कहा कि जनकाल्याण से संबंधित योजनाओं और विकास कार्यों की गति धीमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने विभिन्न राज्यों में चल रही विकास की योजनाओं की समीक्षा की गई।

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