शिलांग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के उकसावे वाली कार्रवाई के बाद रविवार की सुबह उत्तर-पूर्व पहुंचे। वह मेघालय के दौरे पर हैं और उन्होंने शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत की। उनके साथ कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
- प्रधानमंत्री आज शिलांग में हैं
- वह पूर्वात्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा ले रहे हैं
- तवांग में चीनी सेना के साथ भारत की झड़प के बाद यह उनकी पहली यात्रा है
- पीएम मोदी अब तक 50 बार उत्तर-पूर्व की यात्रा कर चुके हैं
दी योजनाओं की सौगात
गोल्डन जुबली समारोह में पीएम मोदी के सामने परिषद की 50 वर्षों की यात्रा पर एक लघु फिल्म की स्क्रीनिंग हुई। मोदी ने बीते 50 वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में एनईसी के योगदान को उल्लेखित करने वाला स्मारक ग्रंथ ‘गोल्डन फुटप्रिंट्स’ भी जारी किया। उन्होंने राज्य में 2,450 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने यहां 4 सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जो मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरेंगे। पीएम ने उमसावली में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) शिलांग का उद्घाटन किया।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा पूर्वोत्तर आतंक मुक्त हुआ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि पीएम ने उत्तर-पूर्व के लिए अगले 50 वर्षों का खाका तैयार करने का निर्देश दिया है। शाह ने कहा कि 8 साल पहले के पूर्वोत्तर और आज के पूर्वोत्तर की तुलना करें, तो पाएंगे कि आज पूर्वोत्तर शांति और विकास की राह पर चल रहा है।
गृहमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में उत्तर-पूर्व के राज्यों के कई जिले AFSPA मुक्त हुए। पहले उत्तर-पूर्व के लिए बजट तो आवंटित होता था, लेकिन नीचे तक पहुंचता नहीं था। अमित शाह ने कहा कि पीएम बनने बाद नरेंद्र मोदी 50 से ज्यादा बार उत्तर-पूर्व आ चुके हैं।आठ साल पहले बम धमाके, गोलीबारी, अलग-अलग उग्रवादी समूह ही पूर्वोत्तर की पहचान बन चुके थे. मोदी सरकार में 8 साल के अंदर उग्रवाद की घटनाओं में 70% से ज्यादा की कमी आई है।