माफिया अतीक अहमद के चुंगुल से मुक्त कराई जमीन पर प्रयागराज में आवास बना दिए गए हैं। गरीबों के लिए बने आवास कुछ लोगों की आंखों चुभ रहे हैं। यही वजह है कि उन्होेने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका लगा दी। दांव उल्टा पड़ा और कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंचा था मामला
इलाहाबाद हाई कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने माफिया अतीक अहमद से मुक्त कराई गई नजूल की जमीन पर बने फ्लेटों के आवंटन के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका की शीघ्र सुनवाई से इंकार कर दिया। अब इस याचिका की सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में हो सकती है। याची क्राइम प्रीवेशन काउंसिल आफ इंडिया के अधिवक्ता ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले जनहित याचिका का सुनवाई की गुहार लगाई थी।
आवंटन में अनियमितताएं
याची ने शीघ्र ही सुनवाई की प्रार्थना पर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायामूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी। याची के अधिवक्ता गौरव गुलाटी और ऋषभ राज ने पीठ को बताया कि माफिया अतीक अहमद से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों के लए बने आवास के आवंटन पर घोर अनियमितताएं बरती जा रहीं हैं।
भारी जुर्माने के साथ खारिज
हाईकोर्ट ने शीघ्र सुनवाई की प्रार्थना पर राज्य सरकार के अपर महाअधिवक्ता मनीष गोयल ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि जनहित याचिका याची के प्रचार का हथकंडा मात्र है। इसलिए इसे भारी भरकम जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जनहित याचिका पर अवकाश कालीन पीठ में सुनवाई से इंकार कर दिया। अब इस जनहित याचिका रेगुलर कोर्ट मेंजुलाई के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो सकती है।