संसद के विशेष सत्र का बुधवार को तीसरे दिन लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पर चर्चा की जा रही है। कांग्रेस की ओर से पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चर्चा की शुरुआत की और कहा पहला महिला आरक्षण संशोधन बिल राजीव गांधी लेकर आए थे। बता दें विशेष सत्र के दूसरे दिन कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में विधेयक पेश किया था। संसद से पारित होने और कानून की शक्ल लेने से पहले इस महत्वपूर्ण विधेयक को 50 फीसदी राज्यों की विधानसभाओं से भी मंजूरी की आवश्यकता होगी। संविधान संशोधन विधेयक होने के चलते अनुच्छेद 368 के तहत ऐसा करना अनिवार्य हैै।
- संसद के विशेष सत्र का तीसरा दिन
- नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर हो रही बहस
- लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर गरमागरम बहस
- कांग्रेस से चर्चा की अगुवाई सोनिया गांधी ने की
- महिला आरक्षण बिल पर बोलीं सोनिया गांधी
- मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हूं
- भारत की महिला ने कभी शिकायत नहीं की
- भारतीय महिला ने सभी की भलाई के लिये किया काम
- बीजेपी की ओर से निर्मला सीतारमण बिल पर बोलेंगी
दरअसल संसद के विशेष सत्र में केन्द्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश कर ऐतिहासिक कदम उठाया है। जिस पर सदन में बुधवार 20 सितंबर को चर्चा हो रही है। लोकसभा में विपक्ष और पार्टी की तरफ से महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गांधी ने बहस का नेतृत्व किया। लोकसभा में महिलाओं की बात उन्होंने रखी। इसके अलावा केन्द्र सरकार को घेरने की कोशिश भी सोनिया गांधी करती नजर आईं। बता दें कि महिला आरक्षण बिल को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था।
कांग्रेस बिल से जुड़े इन मुद्दों को भी सदन में उठाएगी
कांग्रेस महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान एक एक बिन्दु पर केन्द्र की मोदी सरकार को घेरती नजर आएगी। सवाल उठाया जा रहा है कि यूपीए के समय राज्यसभा में महिला आरक्षण पास होता तो फौरन लागू होता। जबकि अब एनडीए सरकार के महिला आरक्षण बिल पहले जनगणना और परिसीमन के बाद 2029 में लागू हो सकेगा। कांग्रेस का यह भी कहना है कि यूपीए के समय राज्यसभा में पास बिल में राज्यसभा और विधानपरिषद में भी महिलाओं को आरक्षण का प्रावधान किया गया था। लेकिन एनडीए सरकार के नए बिल में राज्यसभा और विधान परिषद में महिला आरक्षण को हटा दिया गया है। कांग्रेस की मंशा है कि कोटा में कोटा की मांग जोर शोर से रखी जाए। हालांकि यह अलग बात है कि यूपीए सरकार के
समय खुद कांग्रेस ओबीसी को आरक्षण देने का प्रस्ताव अपने बिल में नहीं लाई थी।
सचिन पायलट ने उठाए केन्द्र सरकार की मंशा पर सवाल
वहीं राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी केन्द्र सरकार की ओर से लाए गए महिला आरक्षण बिल को लेकर सवाल किया है। जयपुर के मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन करने पहुंचे सचिन पायलट ने महिला आरक्षण से जुड़े बिल पर कहा कि इस बिल की काफी लंबे समय से मांग थी। इस बिल को काफी समय पहले ही आ जाना चाहिए था। लेकिन अब यह सुनने में आ रहा है कि ये बिल 2029 में लागू हो सकेगा। लेकिन सवाल इस बात का है कि यह अभी क्यों लागू नहीं हो सकता। महिला आरक्षण बिल पर पायलट ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि अब उन्हें लगता है कि केंद्र सरकार की नीयत और मंशा में फर्क हैं। क्योंकि सभी दलों की अगर सहमति हैं तो फिर इस बिल को अभी क्यों लागू नहीं कर रहे हैं।
और अंत में …कहीं नियम में उलझ न जाए, नारी शक्ति वंदन अधिनियम
संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम से बिल पेश किया था। सरकार इसे ऐतिहासिक बता रही है। संसद में बिल पेश होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि एक पावन शुरुआत हो रही है। सर्वसम्मति से कानून बनेगा, तो इसकी ताकत भी कई गुना बढ़ेगी। फिलहाल इस बिल को लोकसभा में चर्चा की जा रही है। इसके बाद में इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। उम्मीद है कि इस बार ये बिल पूर्ण सहमति से पास हो जाएगा। लेकिन बिल पास होने के बाद ये लागू कब से होगा? इस पर सवाल भी उठ रहे हैं और संशय भी बना हुआ है। दरअसल ये अब जनगणना और परिसीमन पर अटक सकता है। राज्यों में लोकसभा और विधानसभाओं सीटों की संख्या कितनी होगी? इसका काम परिसीमन आयोग की ओर से किया जाता है। साल 1952 में परिसीमन आयोग को गठित किया गया था। अनुच्छेद 82 के तहत इस आयोग का काम भी तय किया गया। पहले आम चुनाव के समय लोकसभा सीटों की संख्या 489 ही थी। जब आखिरी बार 1971 की जनगणना के आधार पर परिसीमन हुआ तो सीटों की संख्या बढ़कर 543 हो गई।