देश को जल्दी ही नया संसद भवन मिलने वाला है। आकलन है कि सरकार इस साल का बजट नए संसद भवन में ही पेश करेगी। लेकिन इससे पहले आइए आपको बताते है कि पुरानी संसद की क्या विशेषता है और इस संसद को भले ही लुटियंस ने डिजाइन किया हो लेकिन ये मध्यप्रदेश के मंदिर से बिल्कुल मिलती जुलती है। ये मंदिर है मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में है। इस मंदिर को चौसठ योगिनी मंदिर कहा जाता है। इस मितालवी पड़ालवी का चौसठ योगिनी मंदिर कहा जाता है। संसद भवन की डिजाइन वास्तुविद एडविन लुटियंस ने 1912 -13 में तैयार की संसद भवन का बनाने का 1921 और 27 के बीच हुआ । तकरीबन सौ साल पहले बने संसद भवन की डिजाइन का मंदिर से मिलना किसी तरह का संयोग ही कहा जा सकता है। मंदिर और संसद भवन में कई सारी समानताऐं है। दोनों ही इमारतें गोलाकार बनीं है। मंदिर में 104 खंभे हैं और संसद में 144। संसद भवन में 304 कमरें है और बीच में एक हॉल वहीं सौसठ योगिनी मंदिर में 64 कमरे है और बीच में के बड़ा शिव मंदिर । ये एक संयोग ही होसकता है कि मंदिर और संसद भवन की डिजाइन एक जैसी है।