Parliament Budget Session-2025: संसद के बजट सत्र आज शुक्रवार से आगाज हो गया है। इस सत्र में मोदी सरकार की ओर से सदन में 16 बिल पेश किये जा सकते हैं। जिसमें वक्फ अमेंडमेंट बिल समेत 12 बिल 2024 के मानसून और शीतकालीन सत्र में लाए गए थे। जबकि इस बार चार नए बिल भी लाए जाएंगे। जिनमें फाइनेंस बिल के अतिरिक्त प्रोटेक्शन ऑफ इंट्रेस्ट इन एयरक्राफ्ट ऑब्जैक्ट्स और त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी के साथ इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल शामिल हैं।
- हंमामे के साथ बजट सत्र का आगाज
- दो भागों में होगा संसद का बजट सत्र
- 40 दिन चलेगा संसद का बजट सत्र
- दोनों भागों में होंगी कुल 27 बैठकें
- मोदी सरकार पेश कर सकती है 16 बिल
- 12 बिल 2024 के हैं,4 नए बिल भी होंगे पेश
- बजट सत्र में सूचीबद्ध किए गए 16 विधेयक
- मोदी सरकार लगाएगी अवैध अप्रवासियों पर लगाम
- लोकसभा के बजट सत्र में करेगी बिल पेश
बता दें 2024 के मानसून और शीतकालीन सत्र में लाए बिल में वक्फ अमेंडमेंट बिल सबसे महत्वपूर्ण बिल है। इस बिल को पिछले साल 8 अगस्त 2024 को संसद में पेश किया था। हालांकि संशोधनों पर सहमति के लिए सरकार की ओर से इसे जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी JPC के हवाले कर दिया गया था। JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल हैं। जिन्होंने अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी है।
द वक्फ (अमेंडमेंट) बिल 2024 के जरिए सेंट्रल वक्फ कौंसिल और वक्फ बोर्ड के स्ट्रक्चर में परिवर्तन किया जाएगा। अब तक महिलाएं और गैर मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल नहीं किया जा सकता था, जबकि संसद से बिल पास होने के बाद ऐसा हो सकेगा।
पुराने कानून के अनुसार वक्फ की संपत्ति पर वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम होता था। लेकिन अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को सीधे हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
द मुसलमान वक्फ (रिपील) बिल 2024
द मुसलमान वक्फ (रिपील) बिल 2024 भी वक्फ बिल के साथ ही अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया था। यह बिल पारित होने पर पुराने वक्फ कानून यानी द मुसलमान वक्फ एक्ट 1923 को समाप्त कर देगा। हालांकि वक्फ एक्ट 1995 पूर्व की ही तरह लागू रहेगा। द रिएडजस्टमेंट ऑफ रिप्रेजेंटेशन ऑफ शेड्यूल्ड ट्राइब्स इन असेंबली कौंस्टिटुऐंसी ऑफ द गोवा बिल 2024 को भी अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया गया था। इस बिल के जरिए गोवा विधानसभा में शेड्यूल ट्राइब्स के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है। फिलहाल गोवा में एक भी सीट ST के लिए आरक्षित नहीं है।
द ऑयलफील्ड्स रेग्यूलेशन एंड डेवलपमेंट संशोधन बिल 2024 को अगस्त 2024 में राज्यसभा में पेश किया गया था। दिसंबर 2024 में सदन से पारित हो गया था। इस बिल के जरिए 1984 के ऑयलफील्ड्स रेग्यूलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट में परिवर्तन किए जाएंगे। इस बिल में पेट्रोलियम माइनिंग लीज से जुड़े प्रावधान शामिल होंगे। द बॉयलर्स बिल 2024 को भी राज्यसभा में अगस्त 2024 में पेश किया गया था। जिसे दिसंबर में सदन से पारित भी कर दिया गया था। यह 1923 के बॉयलर्स एक्ट का स्थान लेगा। बता दें देश में बॉयलर्स इंडस्ट्रियल उपयोग में लिक्विड वगैरह उबालने की मशीन मैन्युफैक्चरर्स से संबंधित स्पष्ट कानून नहीं हैं। यह राज्य की सरकारों को इस संबंध में और अधिक ताकत देगा। द बिल्स ऑफ लैडिंग बिल 2024 को भी अगस्त 2024 के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था। यह बिल करीब 169 साल पुराने 1856 के द इंडियन बिल्स ऑफ लैडिंग एक्ट का स्थान लेगा। इसके माध्यम से केंद्र सरकार लैडिंग कार्गो शिप में सामान लोडिंग के कानूनों से जुड़े प्रावधानों को लागू करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर सकेगी।
वहीं द कैरीज ऑफ गुड्स बाय सी बिल को भी अगस्त 2024 के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था। यह करीब 100 साल पुराने द इंडियन कैरीज ऑफ गुड्स बाय सी एक्ट का स्थान लेगा। इसी प्रकार द कोस्टल शिपिंग बिल 2024 को दिसंबर 2024 के दौरान लोकसभा में पेश किया था। यह बिल मर्चेंट शिपिंग एक्ट 1958 के भाग चौदह का स्थान लेगा। द मर्चेंट शिपिंग बिल 2024 को भी लोकसभा में अगस्त 2024 के दौरान पेश किया गया था। यह 1958 के मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024 का स्थान लेगा। यह बिल पानी के जहाजों का पंजियन अनिवार्य करेगा। इसके साथ ही जहाज के मालिकों के लिए भी जरूरी प्रावधान इस बिल में किये गये हैं।
सत्र में होंगे पेश ये चार नए बिल
लोकसभा के बजट सत्र के दौरान जिन चार नए बिलों को पेश किया जाएगा उनमें द फाइनेंस बिल, 2025 बजट एक तरह का फाइनेंस बिल ही माना जाता है। इसके माध्यम से 2025-2026 के बजटीय प्रावधानों से जुड़े प्रस्ताव किये जाएंगे। बता दें बजट सहित सभी वित्तीय बिल राष्ट्रपति की सहमति के बाद केवल लोकसभा में पेश किये जा सकते हैं। वहीं द त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी बिल 2025 को पिछली बार लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने की योजना बनाए गए थी, लेकिन उस समय कई कारणों की वजह से ऐसा नही किया जा सका। इस बार बजट सत्र में इस बिल के लाए जाने की संभावना है। इसी तरह द प्रोटेक्शन ऑफ इंट्रेस्ट इन एयरक्राफ्ट ऑब्जैक्ट्स बिल 2025 को इस सेशन में पेश किये जाने की संभावना है। जबकि द इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 बिल इमिग्रेशन और विदेशियों से जुड़े नियमों में परिवर्तन के लिए लोकसभा में लाया जा सकता है।