पाकिस्तानी पति शोएब मलिक के साथ तलाक के चलते चर्चा में आई भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने मन की बातों को पोस्ट किया है, यह पोस्ट दिल छू लेने वाली है।
- शोएब मलिक से तलाक के बाद चर्चा में आईं सानिया मिर्जा
- सानिया ने सोशल मीडिया पर की दिल छू लेने वाली पोस्ट
- तब लोग बेचैन थे कि वे सैटल कब होंगी,घर कब बसाएंगी
- अर्बन कंपनी के एड पर किया सानिया ने रिएक्ट
- ‘छोटी सोच’ पर रिएक्ट करते हुए कहा यह प्रेरणादायी है
- सोशल मीडिया पर की इंस्पाइरिंग मैसेज के साथ पोस्ट
- सानिया 2005 में WTA खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला
- भारत के लिए सानियाने जीते छह ग्रैंड स्लैम
- तीन महिला डबल्स में और तीन मिक्स्ड डबल्स
खासकर कई महिलाओं के लिए ये उनकी जिंदगी की आइना है। सानिया मिर्जा ने दरअसल अर्बन कंपनी के विज्ञापन ‘छोटी सोच’ पर रिएक्ट करते हुए सोशल मीडिया पर उसे एक इंस्पाइरिंग मैसेज के साथ पोस्ट किया। विज्ञापन को रिट्वीट करते हुए सानिया ने लिखा- 2005 में वे WTA खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला थीं। बड़ी बात है ? जब वे डबल्स में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी थी तो लोग यह जानने के लिए बेचैन थे कि वे सैटल कब होंगी यानी घर कब बसाएंगी।
छह ग्रैंड स्लैम जीतना समाज के लिए काफी नहीं था-सानिया
छह ग्रैंड स्लैम जीतना समाज के लिए काफी नहीं था। वे अपनी जर्नी में मिले समर्थन के लिए आभारी हैं लेकिन खुद को ये सोचने से नहीं रोक कि क्यों एक महिला की उपलब्धियां उसके कौशल और काम के बजाय लैंगिक ‘अपेक्षाओं’ और दिखावे के बारे में चर्चाओं को आमंत्रित करती हैं। सानिया ने आगे लिखा वे अर्बन कंपनी का यह विज्ञापन देख रही हैं। इससे ये भावनाएं सामने आईं। वे जानती हैं कि समाज के बारे में वास्तविक बातचीत करना कठिन और कभी-कभी असुविधाजनक होता है, लेकिन हम महिलाओं की सफलता के साथ कैसे जुड़ते हैं। इस पर आत्मनिरीक्षण करना जरूरी है। बता दें भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्ज़ा ने छह प्रमुख खिताब जीते हैं। तीन महिला डबल्स में और तीन मिक्स्ड डबल्स में उन्होंने खिताब अपने नाम किया। 2003 से 2013 में सिंगल्स से उनके रिटायरमेंट तक उन्हें महिला टेनिस संघ की ओर से सिंग्ल्स में टॉप रैंक वाली भारतीय के रूप में स्थान दिया गया था।
आगे बढ़ने पर औरतों के लिए छोटी हो जाती है दुनिया की सोच
सानिया मिर्जा ने लिखा औरत जीतनी आगे बढ़ती है दुनिया की सोच उतनी ही छोटी होती जाती है। इसमें वे अपने भाई को यही समझाती हैं कि किस तरह औरत जितनी आगे बढ़ेगी दुनियावालों की सोच का दायरा उतना ही छोटा होता जाता है। दरइसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग औरत की जीत को स्वीकार ही नहीं करना चाहते हैं। सानिया की इस प्रकार छोटी सोच वाली बात में एक मार्मिक महत्व है। वे बातचीत के साथ एक बड़ा मैसेज भी देना चाहती हैं। भाई की माने तो की बहन सानिया उससे कहती हैं नई गाड़ी तो सभी दिखाई देती है लेकिन इसके पीछे की मेहनत कभी किसी को दिखाई नहीं देती।