पाकिस्तान चुनाव पर आतंक का साया , चुनाव मैदान में हाफिज सईद की पार्टी ‘मरकजी मुस्लिम लीग’

pakistan general election terror hafiz saeed markazi muslim league terrorist organization

पाकिस्तान में आम चुनाव हो रहे हैं। जिसमे मरकजी मुस्लिम लीग एक नई राजनीतिक पार्टी बनकर उभर कर सामने आई है। यह चुनाव इसलिए भी चर्चा में हैं कि इस बार आतंकी हाफिस सईद ने अपने रिश्तेदारों को मैदान में उतारा है।मीडिया रिपोर्ट की माने तो यह बड़ा दावा किया गया है कि आतंकवादी हाफिस सईद का पूरा कुनबा मरकजी मुस्लिम लीग के बैनर तले चुनाव लड़ रहा है। यानि मरकजी मुस्लिम लीग को अघोषित आतंकी संगठन का नया नाम दिया जा सकता है।

मरकजी मुस्लिम लीग को 2008 के मुंबई आतंकी वादी हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के संगठन का नये चेहरे के रुप में देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस संगठन की ओर से पाकिस्तान के कई शहरों में कई प्रत्याशी मरकजी मुस्लिम लीग से जुड़े हैं। जिनमें से कई उम्मीदवार ऐसे हैं जो हाफिज सइद के रिश्तेदार है या प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टर माइंड रहे हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन का नया चेहरा बन चुकी पाकिस्तानी मरकजी मुस्लिम लीग नामक इस नई राजनीतिक पार्टी भी आम चुनावों में भाग ले रही है। इस संगठन की ओर से पाकिस्तान के कई शहरों से नामांकित किए गए कुछ उम्मीदवार ऐसे हैं जो या तो हाफिज सईद के सगे रिश्तेदारों में शामिल हैं या प्रतिबंधित लश्कर ए तैयबा ,एलईटी , जमात उद दावा जेयूडी या मिल्ली मुस्लिम लीग यानी एमएमएल के खास रहे हैं। दावा किया जा रहा है हाफिज सईद लाहौर की जेल में बंद है। उसे पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालतों ने आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े कई मामलों में 31 साल की सजा सुनाई है।

वैश्विक आतंकवादियों की सूची में सईद भी शामिल

पाकिस्तान की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में लश्कर ए तैयबा के साथ जमात उद दावा और उससे जुडे़ दलों और संस्थानों को भी सूची में शामिल किया है। जिनमें खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट , अल अनफाल ट्रस्ट, खमताब खाल्क इंस्टीट्यूशन, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल दाववत अल अरशद , मुअज़ बिन जबल एजुकेशनल ट्रस्ट और अल हमद ट्रस्ट, अल मदीना फाउंडेशन शामिल हैं।

सईद का बेटा भी लड़ रहा चुनाव

रिपोर्ट की माने तो हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद मरकजी मुस्लिम लीग पार्टी की ओर से चुनाव मैदान में उतरा है और लाहौर में नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्र एनए 122 से चुनाव मैदान में उतरा है। इसी चुनाव क्षेत्र से पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के नेता और पूर्व संघीय मंत्री ख्वाजा साद रफीक भी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं सईद का दामाद हाफिज नेक गुज्जर मरकाजी मुस्लिम लीग के टिकट पर प्रांतीय विधानसभा क्षेत्र पीपी 162 से चुनाव मैदान में उतरा है।

2018 के चुनाव में भी उतरने की थी कोशिश

जमात उद दावा से जुड़े कुछ लोग 2018 में भी मिल्ली मुस्लिम लीग, पार्टी के बैनर तले चुनाव में उतरने की कोशिश कर चुके हैं। हालांकि उस समय पाकिस्तान चुनाव आयोग की ओर से इन संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं तत्कालीन सरकार के विरोध के चलते बाद पंजीकरण के लिए उसके आवेदन को भी खारिज कर दिया था।आवेदन खारिज होने पर पार्टी के उम्मीदवारों को अल्लाहू अकबर तहरीक नामक एक नई पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लेना पड़ा था। हालांकि 2018 के चुनाव में आतंकी संगठन को कोई बड़ी सफलता नहीं मिल सकी। हालांकि मिल्ली मुस्लिम लीग का नाम पाकिस्तानी प्रतिबंधित आतंकी दलों की सूची में शामिल नहीं है। लेकिन 2018 में विदेश विभाग की मंजूरी से इसे प्रतिबंधित कर दिया और इससे जुड़े सात लोगों को वैश्विक आतंकवादियोंष्की लिस्ट में शामिल किया गया था।

ये हैं घोषित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी

जिन व्यक्तियों को यूएस की ओर से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया था। उनमें मुजामिल इकबाल हाशमी, सैफुल्ला खालिद, मुहम्मद हारिस डार , फयाज़ अहमद, फैसल नदीम, ताबिश कयूम और मुहम्मद एहसान शामिल थे। उन पर प्रतिबंधित लश्कर ए तैयबा का हिस्सा होने के चलते लगाया गया था। वहीं मिल्ली मुस्लिम लीग के 7 सदस्यों में से जिन पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया था। उनमें से 4 मौजूदा 2024 के चुनाव में पंजाब और सिंध विधानसभाओं में सीटों के लिए मकाज़ी मुस्लिम लीग के उम्मीदवार के रुप में मैदान मे उतरे हैं। मुहम्मद फयाज अहमद और फैसल नदीम शेख पाकिस्तान के सिंध प्रांत से पीएस 43 और पीएस 64 विधानसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। जबकि मुहम्मद हारिस डार और मुजमल इकबाल हाशमी दोनों पंजाब प्रांत की नेशनल असेंबली चुनाव क्षेत्रों एनए 129 और एनए 77 से चुनाव मैदान में उतरे हैं। इसी सूची में ताबिश कयूम भी शामिल है तो वर्तमान में मरकाज़ी मुस्लिम लीग का मुख्य प्रवक्ता है। जबकि सैफुल्ला खालिद भी इस पार्टी का अहम हिस्सा हैं।

Exit mobile version