Pakistan In Crisis: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति हरेक बीतते दिन के साथ खराब होती जा रही है। फिलहाल, यह मुल्क आर्थिक तंगी के साथ एक और बड़ी समस्या से गुजर सकता है, क्योंकि देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है। रोजाना हजारों पाकिस्तानी अपनी नौकरी खो रहे हैं। इस साल पहले से ही फटेहाल देश पाकिस्तान में बेरोजगारों की कुल संख्या 62.5 लाख के करीब हो सकती है, जिसने वहां की सरकार को और भी परेशान कर दिया है।
- डॉन अखबार के मुताबिक इस साल पाकिस्तान में कुल कार्यबल का यह 8.5 फीसदी बेरोजगार होगा
- पाकिस्तान में बेरोजगारी दर बढ़ी तो ये देश कमर को और तोड़ देगी
- 13 जनवरी के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के पास केवल 4.6 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है
- आर्थिक तंगी के बीच पाकिस्तान दुनियाभर में भीख मांग रहा है
- शहबाज शरीफ भारत से बातचीत करने की प्रार्थना कर रहे हैं
- हालात ये हैं कि अगर देश की अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो आम चुनाव स्थगित कर दिए जाएंगे
- एक राजनीतिक दल पीपल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेता ने पाक की हालत के लिए इमरान को जिम्मेदार ठहराया
पाकिस्तानी पीएम को शर्म क्यों आती है?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि मित्र देशों से और कर्ज मांगने में उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है, क्योंकि यह नकदी संकट से जूझ रहे देश की आर्थिक चुनौतियों का स्थायी समाधान नहीं है। शाहबाज शरीफ शनिवार को पाक आर्मी के पासिंग आउट प्रोग्राम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इसमें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी तथा पाक सेना के प्रमुख आसिम मुनीर तथा अन्य अधिकारी भी शामिल थे।
शरीफ ने कहा कि यह उनके लिए बहुत शर्मिंदगी वाली बात होती है जब हर बार उनको कर्ज मांगना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए और ज्यादा ख़राब लगता है कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न राष्ट्र है। शरीफ ने इस बात पर अफसोस जताया कि पिछले 75 वर्षों में मुल्क के हुक्मरानों ने आर्थिक हालात पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि आखिर कब तक पाकिस्तान बतौर मुल्क कर्ज के भरोसे रहेंगे और ये देश चलाने का सही तरीका नहीं है।
भारत से बात करने के लिए की थी प्रार्थना
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पिछले हफ्ते भारत से भी बातचीत शुरू करने की गुहार लगा चुके हैं, हालांकि मुल्क के अंदर के कट्टरपंथियों ने जब उनका विरोध किया तो उन्होंने लीपापोती भी की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पहले आतंकवाद पर लगाम कसे पाकिस्तान, तभी कोई बातचीत होगी। उधर, ‘जियो न्यूज’ के अनुसार शरीफ ने वित्तीय सहायता के लिए सऊदी अरब की प्रशंसा करते हुए कहा कि और ऋण मांगने में उन्हें वास्तव में शर्मिंदगी महसूस होती है।
शहबाज ने कहा कि सही नीतियों को सही समय पर लागू किया गया होता तो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त किया जा सकता था और विदेशी ऋणों से बचा जा सकता था। शरीफ हाल में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर थे और उस दौरान वहां से शेख मोहम्मद बिन जायद ने पाकिस्तान को एक अरब अमेरिकी डॉलर का और ऋण देने की घोषणा की थी।
बर्बाद और तबाह पाकिस्तान किसके हक में है?
वर्तमान समय में पाकिस्तान ख़राब अर्थव्यवस्था से जूझ रहा है। प्राकृतिक आपदाओं के अलावा खाने वाले तेल सहित दूसरी वस्तुओं के मूल्य आसमान छू रहे हैं। पाकिस्तान में आटे की कीमत 160 से 170 रूपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई है, खाने का तेल 600 रुपए लीटर, घी 700 रुपए लीटर तथा रसोई गैस के दाम 1200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गए हैं।
एक टूटा-फूटा और दयनीय पाकिस्तान क्या भारत के हित में होगा, इस पर भी कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि पाकिस्तान अगर बर्बाद हुआ तो आतंकवाद को और बढ़ावा मिलेगा। वहीं, कुछ विशेषज्ञ ये मानते हैं कि इससे पाकिस्तान के और भी टुकड़े हो सकते हैं औऱ बलूचिस्तान उससे अलग हो सकता है।
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देखें पाकिस्तान में किन चीजों के क्या है दाम –