अमेरिका में बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
भारत में बढ़ते डिजिटल पेमेंट और आर्थिक क्षेत्र ने धीरे-धीरे भारत की स्वीकार्यता वैश्विक पटल पर बढ़ा दी है। भारत के रूपे पेमेंट सिस्टम को सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में भी मान्यता मिल गई है। अब इन दोनों देशों में भी रूपे कार्ड के जरिए भुगतान किया जा सकेगा। वहीं अन्य देशों में भी इसकी स्वीकार्यता के लिए भारत सरकार लगातार संपर्क बढ़ा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन की ओर से आयोजित एक सभा में यह बात कही।
दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा पर हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मकसद रोजगार पैदा करना है, दुनिया से अलग-थलग करना या संरक्षण देना नहीं। साथ ही उन्होंने भारत में सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण बढ़ाने को लेकर भी बात कही। वित्त मंत्रालय ने बयान जारी किया और कहा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन डीसी में यूएस ट्रेजरी में अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन से मुलाकात की थी। साथ ही नेताओं ने आपसी हित के अन्य मुद्दों के बीच मौजूदा वैश्विक व्यापक आर्थिक स्थिति पर चर्चा की है।
आत्मनिर्भर भारत परियोजना को किया गलत तरीके से पेश
केन्द्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत परियोजना को लेकर कहा कि इस योजना को गलत तरीके से पेश किया जाता है। इसका मतलब है कि भारत सकल घरेलू उत्पाद में अपना विनिर्माण बढ़ाए। जिससे कुशल और अर्धकुशल दोनों के लिए रोजगार पैदा होगा। साथ ही कहा कि इस नीति से निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिला है। जिससे अकुशल को रोजगार मिला है।
देश में मजबूत हुआ सड़क और रेल नेटवर्ककेन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा सड़क और हाईवे का निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है। बंदरगाहों और रेल नेटवर्क को मजबूत किया गया है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर मंत्री ने कहा कि वैश्विक विकास और व्यापार परस्पर जुड़े हुए हैं। व्यापार के लिए नई विश्व व्यवस्था में विकास का समर्थन करने के लिए हमें अनिवार्य रूप से सीमाओं के पार चलने के लिए वस्तुओं और सेवा आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता है।
महत्वपूर्ण है भारत-अमेरिका रिश्ता
येलेन ने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी की ओर से जारी बयान के हवाले से कहा कि वित्तमंत्री सीतारमण ट्रेजरी विभाग में आपका स्वागत करते हुए उन्हें खुशी हो रही है। दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका-भारत संबंध महत्वपूर्ण हैं। यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नवंबर में जी20 की बैठकों से पहले, यूएस-इंडिया इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल पार्टनरशिप, हमारी नौवीं पार्टनरशिप मीटिंग में भाग लेने के लिए वे ट्रेजरी सेक्रेटरी के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा करेंगी। बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंध स्थापित हुए हैं और कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल भी रही है। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा भारत में आर्थिक नीतियों को बल देने के लिए दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार के लिए टी-3 फॉर्मूला दे चुके हैं। इस टी-3 में विश्वसनीय स्रोत, पारदर्शिता और समय-सीमा शामिल हैं। हमारी सामूहिक सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिए विश्वसनीय स्रोत महत्वपूर्ण हैं।
भारत और अमेरिका के रिश्तों में उतार चढ़ाव’
भारत और अमेरिका के बीच पिछले एक महीने से रिश्ते में कई बार उतार चढ़ाव देखने को मिला। सबके बीच अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि दुनिया की वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत-अमेरिका संबंध क्रिटिकल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के बाद जेनेट येलेन ने घोषणा कि वह अमेरिका-भारत आर्थिक और वित्तीय साझेदारी के नौवें संस्करण में भाग लेने के लिए अगले महीने भारत की यात्रा करेंगी।
प्रतिबंध की चेतावनी पर बोलीं वित्तमंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण छह दिनों की यात्रा पर अमेरिका पहुंची हैं। सीतारमण ने प्रतिष्ठित ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में कहा कि सीतारमण की इस टिप्पणी का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देश रूस से अपनी तेल खरीद को कम करने की कोशिश कर रहे हैं और यहां तक कि अन्य देशों के ऐसा जारी रखने पर प्रतिबंध की चेतावनी भी दे रहे हैं। भारत में व्यापक तौर पर औद्योगिकीकरण नहीं हुआ क्योंकि इसके लिए आधारभूत संरचना और संपर्क की कमी थी। सीतारमण ने विभिन्न देशों पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ पश्चिम देशों को आगाह करते हुए कहा कि भविष्य में विकसित देशों को अपने राजनीतिक और आर्थिक नीतिगत फैसलों के वैश्विक प्रभाव की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वित्त मंत्री अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगी। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक में अपने पहले से लिखे भाषण में उन्होंने कहा यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है। सीतारमण ने कहा कट भविष्य में विकसित देशों को अपने राजनीतिक और आर्थिक नीतिगत फैसलों के वैश्विक प्रभाव के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन राष्ट्रों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय जो केवल अपने लोगों के लिए अपने नैतिक और लोकतांत्रिक दायित्वों को पूरा कर रहे हैं।