हाईकोर्ट के आदेश से लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें

लेने देन के मामले कोर्ट के चक्कर लगा रहा परिवार

बिहार राज्य का सबसे ​बड़ा सियासी घराना लालू परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है। आए दिन कोर्ट कचेहरी के चक्कर लगाना पड़ रहा है। कभी राजनैतिक विवाद तो कभी पारिवारिक विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में एक और विवाद लालू परिवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। आईए जानते क्या है ये विवाद…

मई 2018 में लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप की बड़ी धूम धाम ऐश्वर्या के साथ विवाह हुआ था। शाही समारोह हुआ और देशभर से बड़े बड़े दिग्गज इस शादी में शामिल हुए थे। लेकिन कुछ ही समय बाद तेजप्रताप और ऐश्वर्या के ​बीच खटपट होना शुरु हो गई। मामला अदालत पहुंचा और ऐश्वर्या ने घरेलू हिंसा को आरोप जड़ दिए। इस मामले को 5 साल हो रहे हैं लेकिन विवाद लालू परिवार का पीछा नहीं छोड़ रहा है।

ऐश्वर्या ने लगाए थे घरेलु हिंसा के आरोप

तेजप्रताप की पत्नि ऐश्वर्या ने शादी के कुछ ही समय बाद सास राबड़ी देवी और ननद मीसा भारती पर घरेलू हिंसा को आरोप लगाए थे। इस मामले को निचली अदालत ने सुना और अपने फैसले में ऐश्वर्या को मुआवजे देने का आदेश जारी कर दिया। निचली अदालत के इस फैसले पर ऐश्वर्या का कहना था कि उन्होंने मुआवजे की मांग नहीं की और न ही वे मुआवजा चाहतीं हैं। उनका कहना था कि मेरे साथ घरलू हिंसा हुई और अदालत का फैसला भी उसी के मुताबिक आना चाहिए था।

हाईकोर्ट से ऐश्वर्या को मिली राहत

राज्य के वन पर्यावरण एवं जलवायू परिवर्तन मंत्री तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या को पटना हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति पी बी बजन्थरी और न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने ऐश्वर्या की अपील स्वीकार करते हुए निचली अदालत के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें ऐश्वर्या को कम से कम प्रति माह 22000 रुपए का भरण पोषण भत्ता देने का कहा गया था। साथ ही पटना हाईकोर्ट ने पारिवारिक अदालत को तीन महीने के भीतर मामले की नए तरीके से सुनने और कानून के मुताबिक निर्णय लेने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने पैसे लोटाने को कहा

इस पूरे मामले में पटना हाईकोर्ट ने एक शर्त भी रख दी जिसमें ऐश्वर्या को पाई पाई चुकाने को कहा गया है। कोर्ट ने कहा है कि तेजप्रताप से जो भी रकम ऐश्वर्या ने ली है वो पाई पाई उन्हे वापस तेजप्रताप को लोटाना होगी। इस मामले में अपीलकर्ता के वकीलों ने सहमति दे दी है।

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