‘विपक्षी एकता’ पर सिब्बल ने उठाए सवाल,बताया पूरा एजेंडा

काफी कुछ और करने की जरूरत

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने के लिए तमाम नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। वे वन टू वन चर्चा करके सभी को एक साथ लाने की कोशिश में लगे हैं। इसके लिए नीतीश रविवार को दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात करके आगामी बैठक कहां होगी,इस पर चर्चा कर रहे हैं। इसके अलावा जो जानकारियों आ रहीं है उसके मुताबिक बैठक का एजेंडा भी फायनल हो सकता है। नीतीश के तमाम प्रयासों के बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के एक बयान ने राजनैतिक हलचल मचा दी है।

काफी कुछ और करने की जरूरत

कर्नाटक में सिद्दारमैया के शपथ ग्रहण में विपक्षी एकता का मेगा शो देखकर राजनीति में चर्चा शुरु हो गई थी। इसी पर राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या विपक्षी एकता का केवल यही संकेत है कि बड़ी संख्या में विपक्ष के नेता मौजूद रहे। सिब्बल का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए अभी विपक्ष को काफी कुछ और करने की जरूरत है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि विपक्षी एकता के लिए इस तरह के मेगा शो से ज्यादा कई और चीजों की भी जरूरत है। एक दूसरे का मन पढ़ने के लिए बैठकें होना भी जरूरी है। इसके अलावा एक सामान्य एजेंडा को लेकर बात करना और पक्षपातपूर्ण हितों का बलिदान विपक्ष की एकता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है।

कर्नाटक में शक्ति प्रदर्शन

कर्नाटक में 20 मई को सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर विपक्षी एकता का प्रदर्शन भी किया। समारोह के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समान विचारधारा वाले कई दलों के नेताओं को न्योता भेजा था। बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी एकता की कोशिशें हो रही हैं। इसी के चलते बिहार के सीएम नीतीश सभी को एकसाथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।

दिल्ली में नीतीश और तेजस्वी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रविवार को दिल्ली में विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं। इस दौरान 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता को लेकर विभिन्न दलों की प्रस्तावित बैठक की तारीख और जगह तय की जाएगी। बैठक के पटना में होने की पूरी संभावनाएं नजर आ रही हैं। बता दें कि नीतीश कुमार शनिवार को बेंगलुरु में सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। वहां से सीधे वे दिल्ली पहुंचे।

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