विपक्षी एकता के लिए नीतीश से ज्यादा सक्रिय हो रहे लालू! क्या हैं इसके मायने ?

पटना से लेकर दिल्ली तक फील्डिंग जमाने लगे लालू

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव सियासी गोटियां बिठाने में माहिर हैं। उनके एक एक कदम पर उनके विरोधी नजर रखते हैं। वे कहां जा रहे हैं, किससे मिल रहे हैं और क्या कह रहे है,इसके मायने निकाले जाते हैं। लालू एक परिपक्व और अनुभवी नेता है। उनके सियासी दांवपेंच समझने में अच्छे अच्छे मात खा जाते हैं। लंबी बीमारी के बाद लालू एक बार फिर सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी को अपने निशाने पर लिया है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि ​बैंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में भी लालू प्रसाद यादव शामिल होंगे। विपक्ष को एकजुट करने में सीएम नीतीश कुमार से ज्यादा लालू प्रसाद यादव सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं।

एकजुटता का पढ़ाया पाठ

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए लालू प्रसाद यादव ने अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को एकता का पाठ पढ़ाया।उन्होंने राजद के स्थापना दिवस अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से रुबरू होकर कहा कि गांव गांव जाएं और अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों से मिलें। उनके दुख दर्द में उनका साथ दें। यदि इसमें देर की तो आरएसएस और भाजपा वाले उन्हे बहका देंगे। हमें किसी के बहकावे में नहीं आना है पूरी एकता के साथ लोकसभा चुनाव लड़ना है। हम एक रहेंगे तो चुनाव में कोई भी मात नहीं दे पाएगा।

बीमार समझना बड़ी भूल हो सकती है

लालू प्रसाद यादव जिस तरह से राजनीति में सक्रियता दिखा रहे हैं उसे देखते हुए यदि यह माना जाए की लालू बीमार है तो हो सकता है यह बड़ी भूल हो। वजह यह है कि सियासी जमावट के लिए लालू दिल्ली में हैं और संभावना जताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी से चल रहे गतिरोध को दूर करने का प्रयास कर सकते हैं। विपक्षी दलों की बैंगलुरु में 18-19 जुलाई को होने वाली बैठक में अभिभावक की भूमिका निभाने के लिए कमर कस रहे हैं।

ब्लड टेस्ट के बहाने दिल्ली यात्रा

बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले पटना में पत्रकारों से कहा कि ब्लड टेस्ट कराने दिल्ली जा रहा हॅू। उन्होंने यह भी कहा कि वापस आने के बाद बैंगलुरु भी जाना है जहां पीएम नरेंद्र मोदी की विदाई की तैयारियां करना है। मीडिया ने फिर सवाल किए तो उन्होंने पुराने अंदाज में कहा कि पहले भाजपा को हटाना है फिर आपसे बात करेंगे।

चार्ज सीट के बाद लालू के तेवर हुए सख्त

लालू प्रसाद के खिलाफ ईडी की दूसरी चार्जसीट के बाद उनके तेवर और सख्त हो गए है। राजद के स्थापना दिवस पर उन्होंने साफ कह दिया था कि पीएम मोदी गरीबी हटा नहीं पाए,रोजगार दे नहीं पाए और महंगाई से जनता परेशान है लेकिन वे भूल रहे हैं कि सरकार जाने के बाद उनका क्या होगा।

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